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- बाढ़ नियंत्रण हेतु संभाग के सभी जिलों की समीक्षा बैठक संपन्न
भोपाल, 4 जून (हि.स.)। संभागायुक्त संजीव सिंह ने कहा कि अति वर्षा और बाढ़ से निपटने के लिए सभी सम्बन्धित विभाग पहले से समस्त तैयारीयां करें। उन्होंने सभी जिलों में बाढ़ नियंत्रण कक्ष सक्रिय करने और प्रत्येक कार्य के लिए अलग-अलग नोडल अधिकारी नियुक्त करते हुए त्वरित एक्शन के लिए आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
संभागायुक्त सिंह ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से भोपाल संभाग के सभी जिलों में बाढ़ और अतिवर्षा की स्थिति से निपटने के लिए कार्ययोजना एवं तैयारियों की आयुक्त कार्यालय के वीसी रूम से समीक्षा की। बैठक में आईजी अभय सिंह, सभी जिला कलेक्टर्स और एसपी, होमगार्ड कमांडेंट, जल संसाधन विभाग के अधीक्षण यंत्री सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
संभागायुक्त ने सभी कलेक्टर्स को नदी-नालों और जल भराव वाले सभी क्षेत्रों सहित पुल-पुलियों और बसाहट में हुए अतिक्रमण की पहचान कर उसे हटाने तथा नालों आदि की सफाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने बाढ़ राहत और बचाव के लिए आवश्यकतानुसार अलग-अलग दल बनाकर हर जिले में व्हाटसएप ग्रुप बनाने के लिए कहा। संभागायुक्त सिंह ने बाढ़ की आशंका वाले क्षेत्रों में स्वास्थ्य अमले, खाद्यान्न आदि की व्यवस्था के साथ अस्थायी आश्रय स्थलों का चयन करने एवं प्रत्येक टीम के आपसी समन्वय और प्रशिक्षण के निर्देश भी दिए। उन्होंने पुलिस, राजस्व, नगर निगम और नगर पालिका, जल संसाधन, लोक निर्माण, आपदा प्रबंधन आदि विभागों को तत्काल प्लान बनाकर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
संभागायुक्त संजीव सिंह ने सभी कलेक्टर्स से कहा कि वे अपने-अपने जिलों के सभी जलाशयों की स्थिति का आकलन करें एवं अतिवर्षा की स्थिति में जलाशयों से पानी छोड़ने की विस्तृत और समयबद्ध रणनीति बनाएं। उन्होंने कहा कि अचानक पानी छोड़ने की स्थिति नहीं आना चाहिए और डेम की लगातार मॉनीटरिंग कर ऐसी प्लानिंग होना चाहिए कि बाढ़ की स्थिति ही पैदा न हो एवं हर डेम के लिए अलग-अलग नोडल अधिकारी बनाने के भी निर्देश दिए।
संभागायुक्त सिंह ने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के निर्देश दिए कि बांधों, जलाशय से पानी छोड़ने के पूर्व उसकी सूचना संबंधित जिले के कलेक्टर, एसपी, एसडीएम, रेल्वे अधिकारी को दी जाए। साथ ही इसकी सूचना संबंधित क्षेत्रों के निवासियों को पर्याप्त समय पूर्व दी जाना सुनिश्चित हो। उन्होंने वर्षाकाल प्रारंभ होने के पूर्व कार्यपालन यंत्री को जलद्वारों की मरम्मत, ग्रीसिंग कार्य, विद्युत व्यवस्था, अतिवर्षा की स्थिति में बांधों पर पर्याप्त स्टाफ, जल स्तर की जानकारी डाटा सेंटर को उपलब्ध कराने के साथ ही बांध पर वर्षा माप के आंकड़े प्रति घंटा / प्रतिदिन एकत्रित करने के निर्देश दिए हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर