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भोपाल, 4 जून (हि.स.)। म.प्र. जन अभियान परिषद् द्वारा शासन के महत्वपूर्ण जल गंगा संवर्धन अभियान में संपूर्ण प्रदेश में विविध जल संरक्षण गतिविधियों में 35 लाख लोगों की व्यापक स्तर पर सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित कर अभियान को सफलता के नये सौपानों तक पहुंचाया है।
जनसंपर्क अधिकारी संताेष मिश्रा ने बुधवार काे जानकारी देते हुए बताया कि जन अभियान परिषद ने 30 मार्च, 2025 से प्रांरभ हुए जल गंगा संवर्धन अभियान में अपने नेटवर्क प्रस्फुटन समितियाँ, नवांकुर संस्थाओं, मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास कार्यक्रम के परामर्शदाताओं के माध्यम से जल संरक्षण की बहुआयामी गतिविधियों में जनसहभागिता सुनिश्चित की है। परिषद की गतिविधियां मुख्य रूप से चार आयामों पर की जा रही है जिनमें जन-जागरूकता, जनसहभागिता, जनरचनात्मकता एवं जनसहभागिता दस्तावेजीकरण प्रमुख है।
जन-जागरूकता आयाम के अंतर्गत जल स्त्रोतों के प्रति संवेदीकरण के उद्देश्य से प्रभातफेरी और जागरुकता रैली, ग्राम सभा एवं चौपालों में चर्चा एवं नुक्कड़ नाटक के आयोजन, याम और ग्राम पंचायत स्तर पर किये जा रहे हैं। जनसहभागिता आयाम के अंतर्गत परिषद ने लघु जल संरचनाओं के निर्माण, नदी, तटों की साफ-सफाई, कुआं, बावडी, तालाबों की साफ-सफाई और वृक्षारोपण की तैयारी भी की है। जन रचनात्मकता आयाम के अतर्गत गतिविधियों के आयामों का उद्देश्य युवा प्रतिभाओं को इस दिशा में प्रेरित ओर प्रोत्साहित करता है। इस दृष्टि से गांव-गांव में दीवार लेखन, नारा लेखन के साथ-साथ कलात्मक, साहित्यिक एवं संगीत की प्रतियोगिताएं आयोजित की गई है। अभियान अंतर्गत 35 लाख से ज्यादा जनसमुदाय द्वारा सहभागिता की गई।
प्रदेश की जीवन रेखा माँ नर्मदा को निर्मल और अवरिल रखने के उद्देश्य से परिषद द्वारा 25 मई से 5 जून के मध्य नर्मदा संरक्षण एवं सर्वेक्षण यात्रा का आयोजन किया गया है। जिसका उद्देश्य नर्मदा तटीय क्षेत्रों में परिषद के नेटवर्क के माध्यम से नर्मदा नदी को अविरल निर्मल नेता नर्मदा परिक्रमवासियों के लिए नर्मदा पथ को सुगम बनाने की दृष्टि से सामुदायिक सहभागिता के प्रयास किये गये हैं। इसके साथ ही म.प्र. जन अभियान परिषद द्वारा प्रदेश के जनसमुदाय को जागरूक करते हुए प्रदेश को प्लास्टिक मुक्त करने की अपील की गई।
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हिन्दुस्थान समाचार / नेहा पांडे