स्वस्थ बीज से होगी किसानों की समृद्धि : सूर्य प्रताप शाही
किसानों को संबोधित करते कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही


यूपी में 25 जून तक कृषि विभाग चला रहा बीज शोधन अभियान

लखनऊ, 04 जून (हि.स.)। उत्तर प्रदेश सरकार के वन ट्रिलियन डॉलर इकोनामी का लक्ष्य प्राप्त करने में यहां के कृषि क्षेत्र की अहम भूमिका है। प्रदेश की लगभग 65 प्रतिशत जनसंख्या प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कृषि पर आधारित है। कृषि में फसलोत्पादन की महत्वपूर्ण भूमिका है। फसलों को कीट, रोग, खरपतवारों तथा चूहों आदि के नुकसान से बचाने के लिए योगी सरकार द्वारा बीज शोधन अभियान व्यापक स्तर पर चलाया जा रहा है। यह जानकारी प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने दी।

कृषि मंत्री ने अपने बयान में कहा कि खाद्यान्न उत्पादन में खरपतवारों के बाद सबसे अधिक क्षति रोगों से होती है। महंगे रसायनों के प्रयोग से कृषि लागत में वृद्धि होती है और समय से रोग की रोकथाम न होने से उत्पादन एवं उत्पादित फसल की गुणवत्ता पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। उत्पादन में बीज जनित रोगों से बचाव के लिए बीज शोधन तकनीक का अत्यधिक महत्व है। इसे बीज का टीका भी कहते हैं। जिससे फसलो में भविष्य में जीवाणु तथा कवकों आदि से होने वाले रोगों का बचाव किया जाता है। इसके निवारण के लिए प्रदेश के सभी जनपदों में 25 मई से 25 जून तक बीज शोधन अभियान आयोजित किया जा रहा है। इस अभियान के तहत बीज शोधन के महत्व की जानकारी देकर कृषकों को शत-प्रतिशत बीज शोधन के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि बीज शोधन में रसायन की कम मात्रा के प्रयुक्त होने से पर्यावरण को कम नुकसान होता है। बीज का जमाव अच्छा व समान प्रकार से होता है और बीज अंकुरण की संख्या में इजाफा होता है। बीज जनित रोग के प्रकोप की आशंका कम हो जाती हैं जिससे फसल मजबूत व स्वस्थ हाेने के साथ उत्पादन में वृद्धि होती है तथा कृषकों को प्रत्यक्ष रूप से आर्थिक लाभ होता है।

श्री शाही ने बताया कि बीज शोधन के अभियान में ग्राम स्तर पर जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें कृषि विज्ञान केन्द्र के विशेषज्ञ एवं राज्य कृषि विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों, बीजशोधन रसायन निर्माण कम्पनियों के प्रतिनिधि, एग्रीजक्शन तथा अन्य विशेषज्ञों का पूर्ण सहयोग लिया जा रहा है। कृषकों को सरकार की योजना विभिन्न पारिस्थितिकीय संसाधनों योजना कीट/रोग नियंत्रण योजना के द्वारा बीज शोधक रसायन पर 75 प्रतिशत अनुदान प्राविधानित है। उन्हांने सभी किसानों से अनुरोध किया है कि खरीफ 2025 में फसलों की बुआई बीज शोधन (बीज में टीका) करने के बाद ही करें और अपने खेत से रोग मुक्त स्वस्थ एवं गुणवत्ता युक्त उत्पादन प्राप्त करें।

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हिन्दुस्थान समाचार / बृजनंदन