गुरुग्राम: शिक्षा में आध्यात्मिक मूल्यों का समावेश जरूरी: विजय दीदी
गुरुग्राम के बोहड़ाकलां स्थित ओम शांति रिट्रीट सेंटर में शिक्षकों के लिए आयोजित कार्यक्रम में बोलतीं विजय दीदी व मौजूद शिक्षक।


-ब्रह्माकुमारीज ने किया शिक्षकों के लिए विशेष कार्यक्रम

-दिल्ली एवं एनसीआर के 580 शिक्षकों ने की शिरकत

गुरुग्राम, 4 जून (हि.स.)। शिक्षकों को आध्यात्मिक सशक्तिकरण द्वारा आंतरिक क्षमताओं को पहचान कर हर परिस्थिति में तनाव मुक्त रहने के लिए ब्रह्माकुमारीज के ओम शांति रिट्रीट सेंटर में शिक्षकों के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। 29 मई से चार जून तक आयोजित तीन अलग-अलग कार्यक्रम में दिल्ली एवं एनसीआर से 580 शिक्षक शामिल हुए। कार्यक्रम नर्चरिंग द नर्चरर्स विषय पर हुआ।

इस दौरान शिक्षकों को विशेष रूप से राजयोग का गहन अभ्यास कराया गया। आत्म चिंतन के द्वारा सभी ने सेल्फ रियलाइजेशन किया। शिक्षकों ने महसूस किया कि आज की शिक्षा पद्धति में आध्यात्मिक मूल्यों का समावेश जरूरी है। इस अवसर पर विशेष रूप से ओआरसी की वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका राजयोगिनी विजय दीदी ने अपने प्रेरणादायक वक्तव्य में कहा कि शिक्षक बच्चों के लिए दर्पण हैं। वो जो कुछ भी सिखाते हैं, बच्चों के जीवन पर उसकी गहरी छाप पड़ती है। शिक्षक सिर्फ किताबों से नहीं, लेकिन अपने जीवन से भी प्रेरणा देते हैं। जब शिक्षक आध्यात्मिक मूल्यों से सशक्त होंगे, तभी बच्चों पर भी उसका असर होगा। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल, माउंट ओलंपस, सेंट मैरी कॉन्वेंट स्कूल, ब्लू बेल्स पब्लिक स्कूल, केंद्रीय विद्यालय, डॉन बॉस्को एवं मैत्री इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल के शिक्षकों ने शिरकत की। कार्यक्रम में संस्थान के अनेक विशेषज्ञों के द्वारा आध्यात्मिक पहलुओं को विस्तृत रूप से समझाया गया। बीके फाल्गुनी, बीके दिव्या, बीके निकिता, बीके अनामिका, बीके पारुल एवं बीके मोनिका ने इस अवसर पर राजयोग एवं ईश्वरीय ज्ञान के महत्व को बताया।

हिन्दुस्थान समाचार / ईश्वर