दुग्ध क्षेत्र पर विशेष ध्यान: राज्यपाल ने सहकारिता, पशुपालन विभाग और वामुल संग की बैठक
राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य सहकारिता, पशुपालन विभाग और वामुल की ब्रीफिंग लेते हुए।


गुवाहाटी, 4 जून (हि.स.)। बुधवार को राजभवन में राज्य के दुग्ध क्षेत्र को सशक्त बनाने काे लेकर विशेष चर्चा की गई। इसकी अध्यक्षता प्रदेश के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने की। सत्र में सहकारिता विभाग, पशुपालन और पशु चिकित्सा विभाग तथा वेस्ट असम मिल्क प्रोड्यूसर्स कोऑपरेटिव यूनियन लिमिटेड (वामुल) के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

राज्यपाल ने सहकारी आंदोलन से ग्रामीण बेरोजगारी को दूर करने और आत्मनिर्भरता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, सहकारिताएं ग्रामीण समुदायों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने का सशक्त माध्यम बन सकती हैं, खासकर जब युवाओं को सहकारी मॉडल के जरिये प्रशिक्षित और सशक्त किया जाए। उन्होंने 6 जुलाई 2021 को भारत सरकार द्वारा गठित सहकारिता मंत्रालय का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के “सहकार से समृद्धि” के विजन की सराहना की। साथ ही, केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में किए गए नीतिगत प्रयासों से देशभर में सहकारी क्षेत्र के सशक्तिकरण को भी रेखांकित किया।

राज्यपाल ने सहकारी आंदोलन को टिकाऊ और भविष्योन्मुखी बनाने में युवाओं की अहम भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि युवाओं को केंद्र में रखकर योजनाएं बनाना, पाठ्यक्रमों में सहकारिता की जानकारी देना और गतिशील नीतियां तैयार करना आज की आवश्यकता है। उन्होंने दुग्ध उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए हुए श्वेत क्रांति में सहकारिताओं की भूमिका को भी उजागर किया और कहा कि असम की सहकारी संस्थाएं उत्तर-पूर्व में दुग्ध उत्पादन की अगुआ बन सकती हैं।

सत्र के दौरान संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से मौजूदा संभावनाओं और सहयोग की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव कल्याण चक्रवर्ती, सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार नारायण कोंवर, राज्यपाल के ओएसडी प्रो. बेचन लाल, आयुक्त एवं सचिव एसएस मीनाक्षी सुंदरम्, पशुपालन विभाग के सचिव डॉ. सदनेक सिंह, वामुल के एमडी एसके परिदा सहित डेयरी क्षेत्र के प्रगतिशील किसान, उद्यमी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश