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जयपुर, 4 जून (हि.स.)। अगर आप दुकान पर सामान खरीदकर क्यूआर कोड से पेमेंट करते हैं तो सावधान हो जाए। राजस्थान पुलिस ने साइबर धोखाधड़ी के एक नए तरीके के खिलाफ चेतावनी जारी की है। अपराधी अब दुकानों और प्रतिष्ठानों पर असली क्यूआर कोड के ऊपर नकली क्यूआर कोड चिपका रहे हैं,जिससे आप जो पैसा दुकानदार को दे रहे हैं, वह सीधे धोखेबाजों के खाते में जा रहा है।
पुलिस अधीक्षक (साइबर क्राइम) शांतनु कुमार ने बताया कि इस संबंध में राजस्थान पुलिस की साइबर क्राइम शाखा ने एडवाइजरी जारी कर लोगों और व्यापारियों को इस धोखाधड़ी से बचने के तरीके बताए हैं। पुलिस का कहना है कि साइबर अपराधी लगातार अपनी चालें बदल रहे हैं और यह उनका नया तरीका है।
कैसे हो रही है यह धोखाधड़ी
आजकल हम सब दुकानों पर पेटीएम,फोनपे,गूगल पे जैसे ऐप्स से क्यूआर कोड स्कैन कर पेमेंट करते हैं। अपराधी इसी का फायदा उठा रहे हैं। वे बड़ी चालाकी से दुकानदारों के असली क्यूआर कोड जो उन्हें पेमेंट कंपनियों से मिलते हैं पर अपना बनाया हुआ नकली क्यूआर कोड चिपका देते हैं।
जब आप सामान खरीदने के बाद इस नकली क्यूआर कोड को स्कैन करके पैसे भेजते हैं तो वह पैसा दुकानदार के पास जाने के बजाय सीधे ठगों के बैंक खाते में चला जाता है। दुकानदार को अक्सर तब पता चलता है जब उसे पेमेंट मिलने का मैसेज नहीं आता। लेकिन तब तक ग्राहक जा चुका होता है और पैसा अपराधियों तक पहुंच चुका होता है।
पुलिस की जरूरी सलाह
राजस्थान पुलिस ने इस धोखाधड़ी से बचने के लिए दुकानदारों और आम जनता दोनों को कुछ आसान और ज़रूरी बातें बताई हैं कि अपने दुकान के क्यूआर कोड को ऐसी जगह लगाएं। जहां कोई आसानी से उसे बदल न सके या उस पर कुछ चिपका न सके। साथ ही अगर हो सके तो रात में दुकान बंद करते समय क्यूआर कोड को अंदर सुरक्षित रख लें। समय-समय पर अपने क्यूआर कोड को ध्यान से देख कर चेक करें कि उस पर कोई और क्यूआर कोड तो नहीं चिपका हुआ है। पेमेंट आने के बाद तुरंत अपने फोन पर या बैंक खाते में चेक करें कि पैसा आया है या नहीं। अगर आप इस तरह की धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं या आपको कुछ भी संदिग्ध लगता है, तो तुरंत पुलिस को बताएं। राजस्थान पुलिस ने सभी से अपील की है कि वे सतर्क रहें और इन सावधानियों का पालन करके खुद को साइबर ठगों से बचाएं।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश