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- डीएम बोलीं– राहत शिविरों में हो पानी, रोशनी, दवा से लेकर चारा तक की मुकम्मल व्यवस्था
मीरजापुर, 4 जून (हि.स.)। गंगा की लहरें चाहे जितनी उफनें, लेकिन इस बार जिला प्रशासन पूरी तैयारी के मूड में है। संभावित बाढ़ को लेकर बुधवार को जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने फ्लड स्टीयरिंग ग्रुप कमेटी की बैठक ली और अफसरों को दो टूक हिदायत दे डाली कि राहत शिविर नाम के नहीं, सुविधा वाले हों।
चुनार और सदर तहसील के संभावित बाढ़ग्रस्त गांवों में बनाए जाने वाले राहत शिविरों को लेकर जिलाधिकारी ने कहा कि इनमें शौचालय, साफ पानी, बिजली, दवाएं, फागिंग और मवेशियों के लिए चारा तक सबकुछ समय से पहले तैयार मिलना चाहिए। अफसर खुद जाकर देख लें कि शिविरों की हकीकत क्या है, सिर्फ कागजों पर भरोसा नहीं चलेगा।
बाढ़ चौकियों की बारीकी से निगरानी के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि हर चौकी पर नावें, नाविकों की सूची, इमरजेंसी लाइट, मेडिकल किट और तैनात कर्मियों की जानकारी अपडेट रहनी चाहिए। खासतौर पर फूड सप्लाई, कीटनाशक छिड़काव, क्लोरीन की गोलियों का वितरण और पशुओं के लिए भूसे की उपलब्धता पर फोकस करने को कहा।
कटाव वाले क्षेत्रों की बात आई तो जिलाधिकारी ने सिंचाई विभाग को लताड़ते हुए कहा कि मरम्मत का प्रस्ताव लेकर फौरन आइए, ताकि शासन से स्वीकृति लेकर वक्त रहते काम शुरू हो। इस दौरान एडीएम अजय कुमार सिंह, तहसीलदार चुनार-सदर, सिंचाई, विद्युत, पूर्ति व अन्य विभागों के अफसर मौजूद रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / गिरजा शंकर मिश्रा