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गोरखपुर, 4 जून (हि.स.)। चिकित्सा क्षेत्र में आने का उद्देश्य सिर्फ सेवा था। राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन और कुष्ठ निवारण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी के तौर पर जो सेवा भाव का सुख मिला, वह शायद कहीं और न मिलता। इसलिए प्रशासनिक पद से सेवानिवृत्त होने के बावजूद आजीवन टीबी और कुष्ठ मरीजों की सेवा जारी रखूंगा। यह बातें मंगलवार को देर रात एक निजी होटल में खुद के सम्मान समारोह में पूर्व जिला क्षय रोग अधिकारी और जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ गणेश यादव ने कहीं। जिला क्षय रोग केंद्र और जिला कुष्ठ अधिकारी कार्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित विदाई और सम्मान समारोह में पहुंचे जिला विकास अधिकारी राज मणि वर्मा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेश झा और पूर्व मुख्य चिकित्सा अधिकारी मऊ डॉ नंद कुमार ने भी डॉ यादव के योगदान की सराहना की। इसी क्रम में डॉ गणेश यादव ने बुधवार को चरगांवा पीएचसी पहुंच कर टीबी मरीजों के बीच पोषण पोटली वितरित की। विदाई और सम्मान समारोह के दौरान डॉ गणेश यादव की छोटी बेटी डॉ अनुकृति राज द्वारा लिए गए चिकित्सकों को समर्पित अंग्रेजी काव्य संग्रह का विमोचन भी किया गया।
जिला विकास अधिकारी राज मणि वर्मा ने कहा कि एक प्रशासक के तौर पर डॉ गणेश यादव का योगदान उल्लेखनीय रहा है और उम्मीद है कि वह आगे भी अपनी सामाजिक भूमिका निभाएंगे। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेश झा ने कहा कि विभागीय प्रयास है कि चिकित्सकीय सेवा के दौरान टीबी और कुष्ठ में डॉ यादव की विशेषज्ञता का समाज हित में लाभ लिया जाए।
मऊ जिले के पूर्व सीएमओ डॉ नंद कुमार ने कहा कि डॉ गणेश ने हमेशा टीम भावना से काम किया और सभी के साथ सम्मानजनक व्यवहार किया। कार्यक्रम को डॉ नंदलाल कुशवाहा, डॉ एनके द्विवेदी, डॉ एके सिंह और डॉ विराट स्वरूप श्रीवास्तव समेत टीबी और कुष्ठ विभाग के कई अन्य कर्मचारियों ने भी संबोधित किया।
डॉ यादव के सम्मान में सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य सुभाष चंद्र यादव और कवियित्री सरिता सिंह ने काव्य पाठ किया गया। इस मौके पर पूर्व जिला क्वालिटी कंसल्टेंट डॉ मुस्तफा खान और कुष्ठ विभाग के सेवानिवृत्त कर्मचारी रतनलाल श्रीवास्तव ने भी अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का संचालन स्वास्थ्य संचार विशेषज्ञ वेद प्रकाश पाठक ने किया। आभार ज्ञापन पीपीएम समन्वयक अभय नारायण मिश्रा ने किया।
इस अवसर पर एसीएमओ डॉ एके चौधरी, डॉ एएन त्रिगुण, डिप्टी सीएमओ डॉ अश्विनी चौरसिया, डॉ गणेश यादव की पत्नी ज्ञान्ती देवी, ससुर जगदीश सिंह, बेटी डॉ आकृति राज, बेटा डॉ आयुष राज, नेहा श्रीवास्तव, धर्मवीर प्रताप सिंह, मिर्जा आफताब बेग, क्षितेंद्र शुक्ला, अमित नारायण मिश्रा, इंद्रनील, डॉ भोला गुप्ता, पवन श्रीवास्तव, महेंद्र चौहान, डॉ आसिफ, जया त्रिपाठी और राजकीय कुष्ठ कर्मचारी संघ के पदाधिकारीगण प्रमुख तौर पर मौजूद रहे।
*निक्षय मित्र बन पेश कर रहे हैं मिसाल*
प्रशासनिक सेवा काल में डॉ गणेश यादव ने बड़ी बेटी डॉ आकृति राज के जन्मदिन पर पांच टीबी मरीजों को गोद लिया था। वह इन मरीजों को प्रत्येक माह पोषण पोटली देते हैं। पद से सेवानिवृत्त होने के बाद भी समुदाय में बेहतर संदेश देने के लिए एक निक्षय मित्र के तौर पर वह बुधवार को चरगांवा पीएचसी पहुंचे और सभी मरीजों को पोषण सामग्री दी। उन्होंने मरीजों से अपील की कि अगर उन्हें किसी भी तरह की परेशानी हो तुरंत बताएं। उनकी हरसंभव मदद की जाएगी। टीबी उन्मूलन कार्यक्रम से जुड़े केशव धर दूबे और मनीष तिवारी सहित ब्लॉक के कई अधिकारी और कर्मचारी इस मौके पर मौजूद रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / प्रिंस पाण्डेय