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कोलकाता, 04 जून (हि.स.)। पश्चिम बंगाल सरकार अगले एक सप्ताह के भीतर स्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए केंद्रीकृत ऑनलाइन पोर्टल शुरू करने जा रही है। राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कुछ तकनीकी कारणों से पोर्टल की शुरुआत में थोड़ी देरी हुई है।
यह केंद्रीकृत पोर्टल राज्य की 16 विश्वविद्यालयों और 461 सरकारी तथा सरकार से सहायता प्राप्त संबद्ध कॉलेजों में प्रवेश के लिए एकल-विंडो ऑनलाइन प्लेटफॉर्म होगा। इसके माध्यम से छात्र सैकड़ों पाठ्यक्रमों में से विकल्प चुन सकेंगे।
ब्रात्य बसु ने बताया कि अगर आप याद करें तो पिछले वर्ष यह पोर्टल 19 जून को खोला गया था और उच्च माध्यमिक परीक्षा के नतीजे आठ मई को आए थे। इस वर्ष सात मई को नतीजे घोषित हुए हैं। ऐसे में तुलना करें तो इस बार हम पीछे नहीं हैं।
आरक्षण से जुड़ी गाइडलाइंस पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटे से संबंधित सभी नियम उच्च न्यायालय के आदेशों के अनुरूप और कानूनी तरीके से लागू किए जाएंगे।
इस बीच जादवपुर विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (जुटा) ने बुधवार को विश्वविद्यालय प्रशासन से आग्रह किया कि वह यूजी, पीजी और पीएचडी पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्रक्रिया में अब और देरी न करे। जुटा अध्यक्ष पार्थ प्रतिम विश्वास ने बयान में कहा कि चूंकि राज्य सरकार के उच्च शिक्षा विभाग की ओर से ओबीसी आरक्षण को लेकर कोई स्पष्ट निर्देश नहीं आया है, इसलिए हम विश्वविद्यालय प्रशासन से अपील करते हैं कि वह प्रवेश अधिसूचना जारी करे और उसमें ओबीसी आरक्षण की संभावना को खुला रखे।
गौरतलब है कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने 23 मई, 2024 को राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2010 के बाद जारी किए गए सभी ओबीसी प्रमाणपत्रों को रद्द कर दिया था। इसके बाद राज्य सरकार ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, और हाल के दिनों में इस मामले पर कई सुनवाइयां हो चुकी हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर