भाजपा ने यूपी के लिए वित्त आयोग से की विशेष निधि की मांग
वित्त आयोग की बैठक में सुभाष यदुवंश


लखनऊ, 04 जून (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश में लगातार बढ़ती आबादी के समावेशी विकास के लिए एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए वित्त आयोग से उत्तर प्रदेश को विशेष निधि देने की मांग की है।

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री सुभाष यदुवंश ने बुधवार को लोक भवन में केंद्रीय वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया के साथ बैठक में पार्टी की ओर से यह मांग रखी। सुभाष यदुवंश ने अपनी मांग के संबंध में एक प्रस्ताव बनाकर डॉ. पनगढ़िया को दिया है।

भाजपा के प्रदेश महामंत्री ने वित्त आयोग को सौंपे प्रस्ताव में लिखा कि उत्तर प्रदेश जनसंख्या की दृष्टि से देश का सबसे बड़ा राज्य है। आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विविधता की दृष्टि से भी समृद्ध है। हमारा प्रदेश कृषि प्रधान है एवं प्रदेश की 73 प्रतिशत जनसंख्या गांवों में निवास करती है। इसलिए भविष्य की दृष्टि से प्रदेश के गांवों का आर्थिक विकास किया जाना आवश्यक है।

पत्र में लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत 'विकसित भारत 2047' के लक्ष्य की ओर अग्रसर है। देश के सबसे बड़े राज्य होने के ​नाते उत्तर प्रदेश भी विकसित भारत के लिए विकसित उत्तर प्रदेश के नारे के साथ वन ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था के लिए संकल्पित है। जन-जन की इस आकांक्षा को पूर्ण करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश भाजपा सरकार कटिबद्ध है।

प्रस्ताव के प्रमुख बिन्दु

स्मार्ट ग्राम पंचायतों का डिजिटलीकरण।

ग्राम पंचायतों पर डिजिटल सचिवालय।

मण्डी व्यवस्था एवं गोदाम।

कृषि सुधार एवं किसानों के लिए विशेष ​निधि का प्रस्ताव।

स्मार्ट गांवों के लिए नवाचार हेतु विकास योजना।

सेवा क्षेत्र और एमएसएमई के लिए अतिरिक्त सहायता देना।

विकसित भारत विकसित उत्तर प्रदेश के लक्ष्य की पूर्ति के लिए कोष में राज्यों के अंश में वृद्धि करने की मांग।

हिन्दुस्थान समाचार / बृजनंदन