योग से व्यक्ति पूर्णता की ओर होता है अग्रसर : प्रो. आशुतोष सिन्हा
योग से व्यक्ति पूर्णता की ओर होता है अग्रसर:  प्रो. आशुतोष सिन्हा


अयोध्या, 4 जून (हि.स.)। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2025 के उपलक्ष्य में राजभवन के निर्देशन में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को भव्य और दिव्य बनाने के लिए डा. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में लगातार कार्यक्रम आयाेजित किए जा रहे है। बुधवार काे इसी क्रम में कुलपति कर्नल डॉ. बिजेंद्र सिंह के निर्देश पर ललित कला (फाइन आर्ट्स) विभाग में एक पृथ्वी एक स्वास्थ्य विषय पर पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

संकायाध्यक्ष कला एवं मानविकी प्रो. आशुतोष सिन्हा ने योग के महत्व पर कहा कि योग जीवन में व्यक्ति को पूर्णता की ओर अग्रसर करता है। नियमित योग से व्यक्तित्व का विकास होता है। योग परंपरा हम सभी को हमारे ऋषि मनीषियों से मिली है इस विरासत को हमें आने वाली पीढ़ी के साथ साझा करना है।

अधिष्ठाता छात्र कल्याण एवं समन्वयक प्रो. सुरेंद्र मिश्र ने कहा कि वृक्ष प्रकृति का अनुपम उपहार और अभिन्न अंग हैं। इनके संरक्षण से ही पर्यावरण और जीवन सुरक्षित रहेगा। योग से ही प्रकृति के साथ समन्वय बनाया जा सकता है। हठयोग ग्रंथों में प्रचलित कई आसनों में प्रकृति के प्रतिनिधित्व का स्पष्ट रूप से वर्णन है। जन जागरूकता अभियान के तहत योग और पर्यावरण संरक्षण जन-जन का विषय बने इसी के लिए इस पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है। प्रतिभागी छात्र-छात्राओं की कृतियों को विश्वविद्यालय के आगामी बुक में एक विश्व एक स्वास्थ्य के रूप में प्रकाशित किया जाएगा। अधिक से अधिक लोग इससे प्रेरणा प्राप्त कर योग को अपनाये।

कार्यक्रम की संयोजिका डॉ. रीमा सिंह ने बताया कि इस प्रतियोगिता में आवासीय परिसर के लगभग 20 से 25 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। पोस्टर प्रतियोगिता में बच्चों ने अपनी रचनात्मकता के अनुसार सुंदर एवं सरल भावों को प्रदर्शित किया है। विश्व में योग की उपयोगिता का कलात्मक प्रदर्शन किया है। योग के द्वारा हम अपने स्वास्थ्य को सुधार सकते हैं, मानसिक तनाव को दूर कर सकते हैं। कलात्मक चिकित्सा के द्वारा चाहे वह चित्रकारी या संगीत हो उससे हम रोग एवं तनाव को दूर कर सकते हैं। योग हमारे मानसिक व शारीरिक विकारों को दूर कर शांति प्रदान करता है।

एक पृथ्वी एक स्वास्थ्य विषय पर पोस्टर प्रतियोगिता में योग, अध्यात्म, प्रकृति, स्वास्थ्यवर्धक दिनचर्या, योग मुद्राएं, लोगो, संतुलन, आदि विषयों का चित्रण शामिल किया गया है। प्रतियोगिता में मुख्य रूप से डॉ. अलका श्रीवास्तव, डॉ. रचना श्रीवास्तव तथा बड़ी संख्या में प्रतिभागी छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / पवन पाण्डेय