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रामगढ़, 4 जून (हि.स.)। कृषि विज्ञान केंद्र, मांडू के तत्वावधान में बुधवार को रामगढ़ जिले के चितरपुर प्रखंड में विकसित कृषि संकल्प अभियान चलाया गया। इस दौरान कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को कृषि के उन्नत तकनीक और उन्हें मिलने वाली सरकारी योजनाओं की जानकारी दी। चितरपुर प्रखंड के बोरोबिंग, सुकरीगढ़ा और मरांगमर्चा गांवों में एक दिवसीय किसान जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य खरीफ मौसम में खेती की उन्नत तकनीकों, विशेषकर धान की वैज्ञानिक खेती और केंद्र एवं राज्य सरकार की किसान-हितैषी योजनाओं की जानकारी किसानों तक पहुंचाना था।
कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र प्रधान डॉ. सुधांशु शेखर ने अभियान की आवश्यकता और उपयोगिता को रेखांकित किया। उन्होंने पशुपालन को समेकित कृषि प्रणाली का आवश्यक अंग बताया। उन्होंने रोग प्रबंधन की वैज्ञानिक जानकारी साझा करते हुए किसानों से कृषि विज्ञान केंद्र से जुड़कर प्रशिक्षण प्राप्त करने की अपील की। केंद्रीय वर्षाश्रृत उपराऊ चावल अनुसंधान केंद्र से आए कृषि वैज्ञानिक डॉ. विभाष वर्मा ने धान की उन्नत प्रजातियों, खर-पतवार नियंत्रण, मृदा स्वास्थ्य और वैज्ञानिक खेती की विधियों पर विस्तृत जानकारी दी।
कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञ डॉ. इंद्रजीत ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, किसान क्रेडिट कार्ड और अन्य योजनाओं की जानकारी दी। किसानों को इन योजनाओं का लाभ लेने का आग्रह किया। उन्होंने एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन) की उपयोगिता और समेकित कृषि प्रणाली को भी समझाया। प्रखंड कृषि पदाधिकारी चित्रा सिंह मुंडा एवं प्रखंड तकनीकी प्रबंधक चंद्रमौली ने किसानों को आत्मा योजना और प्रखंड स्तर पर मिलने वाले कृषि लाभों के सही उपयोग की जानकारी दी।
कृषि विज्ञान केन्द्र के मौसम पर्यवेक्षक शशिकांत चौबे ने मौसम आधारित खेती की विधियों और पूर्वानुमान आधारित कृषि सलाहों के पालन पर बल दिया। इस अवसर पर प्रखंड सहायक तकनीकी प्रबंधक निरंजन महतो एवं पंचायत प्रतिनिधियों ने किसानों को वैज्ञानिक सलाहों को अपनाने और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से खेती करने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि आधुनिक और वैज्ञानिक खेती ही आत्मनिर्भर किसान समाज की नींव है।
कार्यक्रम में बोरोविंग, सुकरीगाड़ा और मरांगमर्चा सहित आसपास के गांवों से 400 से अधिक किसानों ने भाग लिया। किसानों ने वैज्ञानिकों से सीधे संवाद कर अपने प्रश्नों का समाधान प्राप्त किया और कार्यक्रम को अत्यंत लाभकारी बताया। यह आयोजन किसानों में जागरूकता और वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने की दिशा में एक सशक्त कदम सिद्ध हुआ।
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हिन्दुस्थान समाचार / अमितेश प्रकाश