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कानपुर, 04 जून (हि.स.)। छात्रों के हित और शिक्षा में सुधार के लिए कार्य कर रही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) समय-समय पर छात्रों की आवाज बनकर उन्हें उनका अधिकार और सम्मान दिलाने का काम करती आ रही है। इसी क्रम में छत्तीसगढ़ के रायपुर में बीते 29 से 31 मई के बीच राष्ट्रीय कार्यकारी की बैठक हुई। जिसमें संगठन ने चार प्रस्ताव पारित किये हैं। इन प्रस्तावों को छात्रों तक पहुंचाने और उनके समाधान के लिए बुधवार को कानपुर प्रेस क्लब में एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एवीबीपी) के तत्वावधान में पत्रकार वार्ता में छात्र हित और शिक्षा सुधार से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय मंत्री अंकित चौहान ने बताया कि वर्तमान में परिषद के 60 लाख से अधिक सक्रिय सदस्य हैं, जो देश भर में छात्रों और शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। संगठन का उद्देश्य युवाओं को देश के स्वतंत्रता संग्राम, क्रांतिकारियों और विकास पुरुषों के जीवन से प्रेरणा देना है, ताकि वे राष्ट्र निर्माण में अपनी सक्रिय भूमिका निभा सकें।
इसी संकल्प के साथ छत्तीसगढ़ के रायपुर में राष्ट्रीय कार्यकारी की हुई बैठक में एबीवीपी द्वारा कर प्रस्ताव पारित किए गए जिनमें प्रमुख रूप से
देश भर में संचालित हो रही कोचिंग संस्थाओं को एक समान नियमावली के अंतर्गत लाकर उन्हें अधिक पारदर्शी और उत्तरदायी बनाया जाएगा। दूसरी विश्वविद्यालय में कुलपतियों की नियुक्ति काफी लंबे समय से लम्बित पड़ी है। उस प्रक्रिया को पूरा कराए जाने का प्रस्ताव तीसरा देश की आंतरिक सुरक्षा और चौथा भारत की वैश्विक व्यवस्था में जो भारत की पहल है। उसे भी लेकर प्रस्ताव पारित किए गए हैं। देश और समाज के प्रति अपना जीवन न्योछावर करने वाले महापुरुषों की प्रेरणादायक कहानियों को छात्रों तक पहुंचाने के।लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा।
हिन्दुस्थान समाचार / रोहित कश्यप