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नई दिल्ली, 28 जून (हि.स.)। भारतीय रजोनिवृत्ति सोसायटी की महासचिव डॉ. रागिनी अग्रवाल ने कहा है कि रजोनिवृति कोई बीमारी नहीं है बल्कि महिला जीवन का एक पड़ाव भर है। इस समय उनके शरीर में कुछ बदलाव आते हैं जिसके लिए उन्हें तैयार रहना चाहिए और अपना खूब ख्याल रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि रजोनिवृत्ति जीवन का एक स्वाभाविक चरण है जिसे सभी महिलाओं को सहजता से स्वीकार करना चाहिए। हार्मोनल थेरेपी द्वारा गंभीर लक्षणों का इलाज किया जा सकता है। संतुलित आहार के साथ-साथ एक सक्रिय जीवनशैली से हॉट फ्लैश, नींद के साथ-साथ संज्ञानात्मक गिरावट और हड्डियों के स्वास्थ्य पर प्रभाव जैसे दुर्बल करने वाले लक्षणों की शुरुआत को कम किया जा सकता है।
शनिवार को डॉ. आरएमएल अस्पताल द्वारा एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में आयोजित एक बहु-विषयक सीएमई कार्यक्रम में डॉ. रागिनी ने कहा कि इस दौरान महिलाओं को तीन बातों का खास ध्यान रखना चाहिए। उनकों अपनी हड्डियों का, ऑस्ट्रोजन की कमी के कारण दिल का और मूड स्वींग का जो इस स्थिति में बहुत आम है। महिलाओं को सलाह देते हुए उन्होंने सभी को मेडीटेशन करने की सलाह दी। इसके साथ उन्होंने महिलाओं को उनकी हॉबी, दोस्तों का दायरा बढ़ाने की भी सलाह दी।
इस आयोजन में दिल्ली से 150 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस मौके पर अटल बिहारी वाजपेयी आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक डॉ. अशोक कुमार और डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ (प्रो) विवेक दीवान, डीन डॉ (प्रो) वंदना तलवार, आई.पी यूनिवर्सिटी, डॉ (प्रो) पूनम नारंग ने हिस्सा लिया।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी