संविधान की हत्या करने वाले आज किस नैतिकता से संविधान की दुहाई दे रहे हैं : राज्यसभा सांसद
कानपुर, 28 जून (हि.स.)। 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने संविधान की धज्जियां उड़ाते हुए लोकतंत्र की सभी प्रमुख संस्थाओं विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका और मीडिया को पंगु बना दिया था। लाखों विपक्षी नेताओं को मीसा व डीआईआर के तहत
कार्यक्रम के दौरान लिया गया छाया चित्र


कानपुर, 28 जून (हि.स.)। 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने संविधान की धज्जियां उड़ाते हुए लोकतंत्र की सभी प्रमुख संस्थाओं विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका और मीडिया को पंगु बना दिया था। लाखों विपक्षी नेताओं को मीसा व डीआईआर के तहत जेलों में ठूंस दिया गया और मीडिया पर जबरन सेंसरशिप थोप दी गई। आज ज़रूरत है कि महिलाएं इस इतिहास को जानें और समझें कि संविधान की हत्या करने वाले आज किस नैतिकता से संविधान की दुहाई दे रहे हैं। यह बातें शनिवार को राज्यसभा सांसद रेखा शर्मा ने कही।

भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा कानपुर क्षेत्र द्वारा कानपुर यूनिवर्सिटी सभागार में मॉक पार्लियामेंट का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद रेखा शर्मा, क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल, उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री रजनी तिवारी एवं विधायक प्रतिभा शुक्ला ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।

क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल ने कहा कि क्या कांग्रेस उस समय लगाए गए आपातकाल को सही मानती है या फिर सच में संविधान की हत्या हुई। ये आज जब 50 वर्ष हो गए हैं तो देश की जनता को जानने का अधिकार है कि कांग्रेस नेता जनता को बताए कि अगर आपातकाल गलत था। तो सार्वजनिक माफी देश की जनता से मांगे और अगर आपातकाल लगाकर संविधान का गला घोंटा गया। तो वह भी जनता को कांग्रेस के नेताओं से जानने का अधिकार है।

विपक्ष की नेता की भूमिका में महिला आयोग की सदस्य पूनम द्विवेदी ने कहा कि आपातकाल धारा 352 के अंतर्गत लगाया गया था, किंतु इसके पीछे राजनीतिक स्वार्थ अधिक था। उन्होंने इस निर्णय की वैधता पर सवाल उठाए और सत्ता पक्ष पर तीखे प्रहार किए।

मॉक पार्लियामेंट के दोनों सत्रों में सत्ता और विपक्ष की ओर से जोरदार बहस हुई। सत्ता पक्ष में उत्तर प्रदेश सरकार की मंत्री रजनी तिवारी, विधायक ओम मणि वर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष स्वप्निल वरुण, विधायक मनीषा अनुरागी, विधायक पूनम संखवार, महिला मोर्चा की पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष रंजना उपाध्याय, फर्रुखाबाद जिला पंचायत अध्यक्ष मोनिका यादव, ब्लॉक प्रमुख विजय रत्ना तोमर व अनुराधा अवस्थी सहित अन्य प्रतिनिधियों ने सक्रिय भूमिका निभाई।

विपक्ष की भूमिका में महिला आयोग की सदस्य अनीता गुप्ता, कल्पना तिवारी, विजय तिवारी, पूनम कपूर, जयंती वर्मा और पूजा मिश्रा ने प्रभावी ढंग से अपने तर्क प्रस्तुत किए और सत्ता पक्ष की नीतियों पर सवाल उठाए। सत्र के दौरान कई बार हंगामे की स्थिति उत्पन्न हुई, जिसे प्रथम सत्र की लोकसभा अध्यक्ष की भूमिका निभा रहीं महापौर प्रमिला पांडेय और द्वितीय सत्र की अध्यक्ष विधायक नीलिमा कटियार ने संयम और सख्ती के साथ संभाला। एक बार तो सदन की कार्यवाही को स्थगित करने की नौबत भी आ गई।

हिन्दुस्थान समाचार / रोहित कश्यप