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नई दिल्ली, 27 जून (हि.स.)। नेशनल गेम्स में कई पदक जीत चुकीं मिडिल डिस्टेंस धाविका ट्विंकल चौधरी को डोप टेस्ट में फेल पाए जाने के बाद अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है। एथलेटिक्स इंटीग्रिटी यूनिट (एआईयू) ने उन्हें प्रतिबंधित एनाबॉलिक स्टेरॉयड मेथाइलटेस्टोस्टेरोन के सेवन का दोषी पाए जाने पर यह कार्रवाई की है।
28 वर्षीय ट्विंकल चौधरी पंजाब के जालंधर की रहने वाली हैं। हाल ही में उन्होंने उत्तराखंड में आयोजित राष्ट्रीय खेलों में महिलाओं की 4x400 मीटर रिले में स्वर्ण पदक, 800 मीटर में रजत पदक और मिश्रित 4x400 मीटर रिले में कांस्य पदक अपने नाम किया था। अप्रैल में कोच्चि में हुई नेशनल फेडरेशन सीनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में उन्होंने 800 मीटर में 2:00.71 सेकंड का नया मीट रिकॉर्ड बनाया था।
इस महीने की शुरुआत में ट्विंकल ने ताइवान ओपन में 800 मीटर में रजत पदक जीता था, जबकि दक्षिण कोरिया में आयोजित एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में वह चौथे स्थान पर रही थीं। एआईयू ने उन्हें नोटिस ऑफ एलीगेशन जारी किया है और अब उन्हें सुनवाई में अपना पक्ष रखने का अवसर मिलेगा।
भारतीय एथलेटिक्स के लिए यह एक और झटका है, क्योंकि देश में डोपिंग के मामले लगातार चिंता का विषय बने हुए हैं। पिछले ही महीने क्वार्टर-माइल धाविका स्नेहा कोलेरी को भी डोपिंग के चलते निलंबित किया गया था।
2023 में भारत डोपिंग मामलों में टॉप पर रहा, जहां 5,000 से अधिक टेस्ट किए गए देशों में 3.8% की उच्चतम असफलता दर दर्ज की गई। वैश्विक स्तर पर 2,04,809 टेस्ट किए गए, जिनमें से 214 पॉजिटिव केस भारत से थे—यह संख्या वैश्विक आंकड़े का 11% से अधिक है।
खेल मंत्रालय ने देश में डोपिंग के मामलों को गंभीरता से लेते हुए जागरूकता अभियानों के ज़रिए रोकथाम के प्रयासों को तेज़ करने का संकल्प लिया है। साथ ही संशोधित नेशनल एंटी-डोपिंग एक्ट को जल्द ही संसद में पेश किए जाने की संभावना है, ताकि वर्ल्ड एंटी-डोपिंग एजेंसी (वाडा) की आपत्तियों को दूर किया जा सके।
एआईयू वैश्विक स्तर पर एथलेटिक्स में डोपिंग-रोधी नियमों को लागू करने वाली प्रमुख संस्था है।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील दुबे