सती चौरा घाट निषाद समाज के बलिदान, शौर्य और आजादी की पहली चिंगारी का साक्षी है : डॉ संजय निषाद
कानपुर, 27 जून (हि.स.)। यह घाट केवल गंगा का किनारा नहीं, बल्कि निषाद समाज के बलिदान, शौर्य और आज़ादी की पहली चिंगारी का साक्षी है। 1857 में निषाद नाविकों ने यहां अंग्रेजों को गंगा में डुबोकर मौत दी थी। इसके प्रतिशोध में मैस्कर घाट पर सैकड़ों निषादों
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