पर्वतीय क्षेत्रों में युवाओं में बढ़ती नशे की लत चिंता का विषय: मुख्य सचिव
देहरादून, 26 जून (हि.स.)। मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने राज्य के मैदानी क्षेत्रों के साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में युवाओं में बढ़ रही नशे की प्रवृत्ति पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि डिमांड और सप्लाइ की चैन को तोड़ने में प्रत्येक अधिकारी को अपनी जि
मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन गुरुवार को सचिवालय में राष्ट्रीय नार्काे समन्वय पोर्टल (एन्कॉर्ड) की बैठक लेते हुए।


देहरादून, 26 जून (हि.स.)। मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने राज्य के मैदानी क्षेत्रों के साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में युवाओं में बढ़ रही नशे की प्रवृत्ति पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि डिमांड और सप्लाइ की चैन को तोड़ने में प्रत्येक अधिकारी को अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी से निभानी होगी। इसके लिए जिलाधिकारी और एसएसपी से कड़े कदम उठाए।

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने गुरुवार को सचिवालय में राष्ट्रीय नार्काे समन्वय पोर्टल (एन्कॉर्ड) की बैठक ली। इस दौरान मुख्य सचिव ने नशे की बिक्री को रोकने के लिए प्रवर्तन को बढ़ाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नशे को रोकने के लिए पुलिस विभाग को कड़े कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने इसके लिए एसएसपी एसटीएफ नवनीत सिंह को नशे के खिलाफ कड़े कदम उठाए के लिए पूरी छूट देते हुए सिंगल पॉइन्ट नोडल अधिकारी नामित किया।

उन्होंने कहा कि नशे के लिए बने इस ईको सिस्टम को तोड़ने के लिए पूरे प्रदेश में एक साथ अभियान चलाया जाए,जिसमें प्रत्येक सम्बन्धित विभाग को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। उन्होंने ड्रग इंस्पेक्टर को भी इस अभियान में शामिल किए जाने की बात कही।

मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि सभी जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक अपने जनपदों में शिक्षण संस्थानों और हॉस्टल आदि के प्रमुखों से वार्ता कर उन्हें अपने संस्थानों में मेडिकल टेस्ट करने के लिए राजी करें।

मुख्य सचिव ने वृहद स्तर पर जागरूकता अभियान संचालित किए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि जागरूकता गतिविधियों में सोशल मीडिया एवं सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर को भी शामिल किया जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण एवं जिला स्तरीय समन्वय समिति की प्रत्येक माह बैठकें आयोजित कराई जाएं। उन्होंने प्रदेश में संचालित हो रहे सरकारी नशा मुक्ति केन्द्रों एवं मानसिक स्वास्थ्य केन्द्रों की क्षमता बढ़ाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि उपयोग में नहीं आ रहे सरकारी भवनों को भी नशा मुक्ति एवं मानसिक स्वास्थ्य केन्द्रों के रूप में संचालित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि रायवाला में ओल्ड एज होम के लिए बनाए गए भवन सहित अन्य तैयार हो चुके भवनों में अगले एक माह में नशा मुक्ति केन्द्र शुरू किए जाएं। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को अपने-अपने जनपदों में खाली पड़े सरकारी भवनों की रिपोर्ट तैयार कर शासन को उपलब्ध कराए जाने के भी निर्देश दिए, ताकि इन भवनों में आवश्यकता के अनुसार अन्य जनहित के कार्य शुरू किए जा सकें।

मुख्य सचिव ने प्रदेश में संचालित हो रहे प्राईवेट नशामुक्ति केन्द्रों का भौतिक निरीक्षण किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जो प्राइवेट संस्थान मानकों को पूरा नहीं कर रहे हैं, उनपर नियमानुसार कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि नशे की गिरफ्त में आ चुके युवाओं को सकारात्मक गतिविधियों से जोड़े जाने की आवश्यकता है ताकि वे जल्दी से जल्दी अपनी नशे की लत को छोड़ सकें।

मुख्य सचिव ने कहा कि एनसीसी, एनएसएस और महिला मंगल दलों को भी नशे के खिलाफ लड़ाई में शामिल किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थानों में वार्षिक हेल्थ चैकअप को बढ़ावा दिया जाए।

इस अवसर पर सचिव शैलेश बगोली, डॉ.आर.राजेश कुमार, डॉ. रंजीत सिन्हा, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर डॉ.वी.मुरूगेशन, आईजी लॉ नीलेश भरने, अपर सचिव गृह निवेदिता कुकरेती, अपर सचिव रंजना राजगुरू एवं एसएसपी एसटीएफ नवनीत सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार