डीएलएसए और टीएलएससी ने नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया
कठुआ 26 जून (हि.स.)। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कठुआ और तहसील विधिक सेवा समिति बसोहली ने संयुक्त रूप से डाइट बसोहली में नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया। कार्यक्रम का आयोजन नालसा और जेकेएलएसए के तत्वावधान में
DLSA and TLSC observe International Day against Drug Abuse and Illicit Trafficking


कठुआ 26 जून (हि.स.)। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कठुआ और तहसील विधिक सेवा समिति बसोहली ने संयुक्त रूप से डाइट बसोहली में नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया।

कार्यक्रम का आयोजन नालसा और जेकेएलएसए के तत्वावधान में अध्यक्ष डीएलएसए कठुआ जतिंदर सिंह जामवाल के मार्गदर्शन में उप-न्यायाधीश सचिव डीएलएसए कठुआ कामिया सिंह अंडोत्रा द्वारा किया गया। कानूनी जागरूकता कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में मुंसिफ जेएमआईसी बसोहली भानु भसीन, तहसीलदार बसोहली सागर विश्वकर्मा, एसडीपीओ बसोहली सुरेश शर्मा, एसएचओ बसोहली डीएसपी प्रोबेशनर गीतांजलि गुप्ता शामिल थे। सचिव डीएलएसए कामिया सिंह अंडोत्रा ने प्रतिभागियों को बताया कि यह दिन केवल कैलेंडर पर अंकित एक प्रतीकात्मक तारीख नहीं है। यह दुनिया भर में व्यक्तियों, परिवारों और समाजों पर नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के विनाशकारी प्रभाव की एक गंभीर याद दिलाता है। एक न्यायाधीश के रूप में मैंने नशीली दवाओं की लत के गहन प्रभावों को प्रत्यक्ष रूप से देखा है। अपने न्यायालय में और सचिव डीएलएसए कठुआ के रूप में विशेष रूप से जेल यात्राओं के दौरान, मैं सभी क्षेत्रों के लोगों को देखता हूँ, युवा और बूढ़े, अमीर और गरीब जो नशे की लत में फंस गए हैं। बहुत से लोग कठोर अपराधी नहीं हैं, बल्कि परिस्थिति, आघात, साथियों के दबाव या बस गलत विकल्पों के शिकार हैं।

सचिव ने आगे बताया कि नशीली दवाओं की तस्करी एक ऐसा अपराध है जो हिंसा, भ्रष्टाचार और अस्थिरता को बढ़ावा देता है। यह सामाजिक ताने-बाने को नष्ट करता है और सार्वजनिक स्वास्थ्य को नष्ट करता है। लेकिन हमारी प्रतिक्रिया को केवल आपूर्ति को लक्षित नहीं करना चाहिए। उन्होंने बताया कि अगर आप किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हैं जो संघर्ष कर रहा है, तो उसे शर्मिंदा न करें। उसका समर्थन करें। उसे ठीक होने का रास्ता खोजने में मदद करें। अगर आप खुद संघर्ष कर रहे हैं, तो चुप न रहें। आप अकेले नहीं हैं। मदद माँगने में कोई शर्म नहीं है। और अगर आप दुनिया में बदलाव लाना चाहते हैं, तो समाधान का हिस्सा बनने पर विचार करें। चाहे साथियों के समर्थन के माध्यम से, जागरूकता अभियानों के माध्यम से, या मानसिक स्वास्थ्य, सामाजिक कार्य, या कानून में करियर के माध्यम से आपके कार्य जीवन बचा सकते हैं।

इस अवसर पर तहसीलदार बसोहली, एसडीपीओ बसोहली ने भी अपने अनुभव साझा किए तथा युवाओं को नशे से मुक्त रहने के लिए मार्गदर्शन किया। एलएडीसी सुमित जसरोटिया, आकांक्षा शर्मा, एडवोकेट अनिल पाधा तथा एडवोकेट विकरांत सिंह भी संसाधन व्यक्ति थे, जिन्होंने नशे के दुष्प्रभावों के बारे में बताया तथा स्वस्थ जीवन जीने तथा समाज को नशा मुक्त बनाने में सहयोग करने पर जोर दिया। कार्यक्रम का समापन मुंसिफ/जेएमआईसी बसोहली द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। वीर सावरकर हायर सेकेंडरी स्कूल के छात्र-छात्राएं तथा स्टाफ तथा आम जनता ने भी भाग लिया।

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हिन्दुस्थान समाचार / सचिन खजूरिया