पटना के बीरचंद पथ पर डेढ़ एकड़ भूमि पर तीन नए फाइव स्टार होटल का होगा निर्माण
पटना, 25 जून (हि.स.)। पटना में कुल तीन नए फाइव स्टार होटल निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। राजधानी के बीरचंद पटेल पथ स्थित होटल पाटलिपुत्र अशोक की लगभग 1.5 एकड़ भूमि पर 5 सितारा होटल का निर्माण किया जाएगा। इसके विकास, संचालन और रखरखाव के लि
पटना के बीरचंद पथ पर डेढ़ एकड़ भूमि पर तीन नए फाइव स्टार होटल का होगा निर्माण


पटना, 25 जून (हि.स.)।

पटना में कुल तीन नए फाइव स्टार होटल निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। राजधानी के बीरचंद पटेल पथ स्थित होटल पाटलिपुत्र अशोक की लगभग 1.5 एकड़ भूमि पर 5 सितारा होटल का निर्माण किया जाएगा।

इसके विकास, संचालन और रखरखाव के लिए 60 वर्ष+30 वर्ष की अवधि के लिए मेसर्स कुमार इंफ्राट्रेड एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड, पटना को लीजहोल्ड अधिकार प्रदान किया गया है। चयनित एजेंसी को होटल पाटलिपुत्र अशोक, पटना की मौजूदा संरचना को ध्वस्त करना होगा और पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रदान किए गए मानदंडों और दिशानिर्देशों के अनुसार नए पांच सितारा होटल का निर्माण करना होगा।

मेसर्स कुमार इंफ्राट्रेड एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड, पटना को पांच सितारा होटल निर्माण के लिए चयनित करने के बाद लेटर ऑफ अवार्ड जारी किया गया है। चयनित एजेंसी ने पर्यटन विभाग को सूचित किया है कि उन्होंने तीन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध 5 सितारा होटल ब्रांडों को होटल निर्माण हेतु सूचीबद्ध किया है। इन ब्रांड में जेडब्ल्यू मैरियट, हयात रीजेंसी तथा आईटीसी होटल शामिल है।

एजेंसी होटल पाटलिपुत्र अशोक, पटना की भूमि पर न्यूनतम 100 कमरों वाले फाइव स्टार होटल संचालित करने के लिए उपरोक्त तीन ब्रांडों में से किसी एक को चयनित करेगी।

आरएफपी की शर्तों के अनुसार, चयनित एजेंसी को एमओयू पर हस्ताक्षर करने से पहले लेटर ऑफ अवार्ड (एलओए) की प्राप्ति की तारीख से 150 दिनों के भीतर एक प्रतिष्ठित 5 सितारा होटल ब्रांड के साथ ऑपरेशन एंड मैनेजमेंट (ओ एंड एम) हेतु अनुबंध फाइनल करना आवश्यक है। जिसके पास 5 सितारा श्रेणी के होटल को चलाने का प्रासंगिक ऑपरेशन एंड मैनेजमेंट का अनुभव है।

चयनित एजेंसी को 7.57 करोड़ रुपये का वार्षिक लीज़ प्रीमियम ( करों और शुल्कों, जीएसटी आदि को छोड़कर) जमा करना होगा। जिसका अर्थ है कि हर साल सफल बोलीदाता द्वारा 60+30 साल (निर्माण अवधि के 4 साल को छोड़कर) तक बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम यानी बीएसटीडीसी को यह राशि चुकानी होगी। यह वार्षिक लीज़ प्रीमियम राशि भी हर 5 साल में 10 प्रतिशत बढ़ जाएगी। इसके अलावा एजेंसी को 11 साल की अवधि में एमवीआर मूल्य यानी 28.5 करोड़ रुपये का भुगतान बीएसटीडीसी को करना होगा। यदि यह राशि एकमुश्त दे दी जाती है तो यह ब्याजमुक्त होगी अन्यथा बकाया अग्रिम प्रीमियम राशि पर 9.5 प्रतिशत की दर से ब्याज देय होगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद चौधरी