(कैबिनेट) कोयले के गलत खनन से संकट, झरिया के लिए संशोधित मास्टर प्लान को मंजूरी
नई दिल्ली, 25 जून (हि.स.)। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने कोयले के गलत खनन से संकट का सामना कर रहे झरिया के पुनर्वास से जुड़े मास्टर प्लान में संशोधन को मंजूरी प्रदान की है। संशोधित योजना पर कुल 5,940 करोड़ 47 लाख रुपये का वित्तीय परिव्यय आएगा। प्रधानमंत्र
(कैबिनेट) कोयले के गलत खनन से संकट, झरिया के लिए संशोधित मास्टर प्लान को मंजूरी


नई दिल्ली, 25 जून (हि.स.)। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने कोयले के गलत खनन से संकट का सामना कर रहे झरिया के पुनर्वास से जुड़े मास्टर प्लान में संशोधन को मंजूरी प्रदान की है। संशोधित योजना पर कुल 5,940 करोड़ 47 लाख रुपये का वित्तीय परिव्यय आएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने ‘संशोधित झरिया मास्टर प्लान (जेएमपी)’ को मंजूरी दी। झरिया कोयला क्षेत्र में कई परिवार आग, भू-धंसाव तथा अन्य समस्याओं से प्रभावित हैं।

केन्द्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव ने मंत्रिमंडल के प्रस्तावों की राष्ट्रीय मीडिया केन्द्र में आयोजित पत्रकार वार्ता में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि योजना के चरणबद्ध कार्यान्वयन से आग तथा धंसाव से निपटने तथा प्राथमिकता पर प्रभावित परिवारों को अत्यंत विकट स्थलों से सुरक्षित पुनर्वास सुनिश्चित होगा। उन्होंने कहा कि कोयला कंपनियों के राष्ट्रीयकरण से बहुत पहले कई वर्षों तक अवैज्ञानिक तरीकों का उपयोग करके खनन किया जाता था। इससे दशकों से पूरे झरिया क्षेत्र में भूमिगत आग जल रही है। इससे स्थानीय निवासियों को बहुत परेशानी हो रही है। आग की लपटें अक्सर जमीन से ऊपर उठती हैं और अक्सर जमीन में धंस जाती हैं।

उन्होंने बताया कि संशोधित जेएमपी योजना में पुनर्वासित परिवारों की स्थायी आजीविका के साधन सृजित करने पर जोर दिया गया है। पुनर्वासित परिवारों की आर्थिक आत्मनिर्भरता के लिए विशेष कौशल विकास और रोजगार परक उपाय किए जाएंगे। एक लाख रुपये का आजीविका अनुदान और वैध भू-स्वामित्व धारक (एलटीएच) परिवारों और अपंजीकृत भू-धारक (नॉन-एलटीएच) परिवारों- दोनों को तीन लाख रुपये तक संस्थागत ऋण सहायता दी जाएगी।

इसके अलावा पुनर्वासित स्थलों पर सड़क, बिजली, जल आपूर्ति, सीवरेज, स्कूल, अस्पताल, कौशल विकास केंद्र, सामुदायिक भवन जैसे व्यापक बुनियादी ढांचे और आवश्यक सुविधाएं विकसित की जाएंगी। संशोधित झरिया मास्टर प्लान कार्यान्वयन समिति की सिफारिशों के अनुसार इन प्रावधानों को लागू किया जाएगा। इससे समग्र और मानवीय पुनर्वास सुनिश्चित होगा।

पुनर्वासित व्यक्तियों के आजीविका उपायों के लिए समर्पित झरिया वैकल्पिक आजीविका पुनर्वास कोष स्थापित किया जाएगा। इस क्षेत्र में संचालित बहु कौशल विकास संस्थानों के सहयोग से वहां कौशल प्रदान करने संबंधी विकास पहल भी की जाएगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / अनूप शर्मा