Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
जयपुर, 25 जून (हि.स.)। एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स पुलिस मुख्यालय की टीम को को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। टीम ने ग्यारह साल पहले भीलवाड़ा के मांडलगढ़ थाना क्षेत्र में हुई एक लूट के मामले में फरार चल रहे पन्द्रह हजार के इनामी बदमाश शाहिद मेव को डूंगरपुर जिले के रतनपुर बॉर्डर से धर दबोचा है। हरियाणा के नुहू जिले का रहने वाला यह शातिर अपराधी इतने लंबे समय से पुलिस की गिरफ्त से बच रहा था।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अपराध शाखा एवं एजीटीएफ दिनेश एमएन ने बताया कि 2014 की लूट का यह इनामी आरोपित पिछले एक दशक से अधिक समय से ओडिशा,कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, हैदराबाद और तमिलनाडु जैसे राज्यों में वाहन चलाकर फरारी काट रहा था। वह इतना चालाक था कि कभी अपना मोबाइल फोन इस्तेमाल नहीं करता था, बल्कि अपने साथियों के फोन का उपयोग करता था, जिससे उसका पता लगाना बेहद मुश्किल हो रहा था। फरारी के दौरान वह शिमला में भी एक बार जेल जा चुका था।
एजीटीएफ टीम ने जमीनी स्तर पर सूचनाएं जुटाईं और आरोपित का लगातार पीछा किया। इसी दौरान टीम को पता चला कि शाहिद राजस्थान आया हुआ है और गुजरात भागने की फिराक में है। अथक प्रयासों और लंबी मशक्कत के बाद टीम ने आखिरकार उसे डूंगरपुर के रतनपुर बॉर्डर पर घेर लिया और डिटेन कर लिया। आरोपी के बारे में थाना मांडलगढ़ पुलिस को सूचित किया जा चुका है।
गौरतलब है कि मामला पांच दिसंबर, 2014 का है। पीड़ित भंवरलाल धाकड़ ने माण्डलगढ़ स्थित एसबीआई बैंक के एटीएम से 20 हजार निकाले थे। तभी दो-तीन युवकों ने उन पर हमला कर रकम लूट ली और फरार हो गए। घटना के तुरंत बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए हरियाणा निवासी एक आरोपी मोबिन उर्फ खुटा मेव को उसी समय होड़ा गांव में गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन शाहिद मेव और जमशेद मेव फरार होने में कामयाब रहे थे। भीलवाड़ा पुलिस अधीक्षक ने इन दोनों फरार आरोपियों पर 15-15 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। शाहिद अलवर में भी लूट के प्रकरण में वांछित है और दूदू में लूट के मामले में गिरफ्तार हो चुका है।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश