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मुरादाबाद, 24 जून (हि.स.)। कर्मचारी-शिक्षक संयुक्त मोर्चा उत्तर प्रदेश ने मंगलवार काे जिला अस्पताल परिसर में धरना देकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि पुरानी पेंशन बहाल की जाए। साथ में वेतन आयोग के संस्तुतियों के उपरांत व्याप्त विसंगतियों को दूर करते हुए वेतन समिति की रिपोर्ट को प्रकाशित कर उसके पूर्ण लाभ प्रदेश के राज्य कर्मचारी, स्थानीय निकाय, सार्वजनिक निगम, परिवहन निगम, प्राधिकरण, शिक्षकों, शिक्षेणत्तर एवं स्वयंसेवी संस्थाओं आदि के कर्मचारियों पर समान रूप से लागू किया जाए।
जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजे मांग पत्र में कर्मचारी-शिक्षक संयुक्त मोर्चा ने मांग की कि प्रदेश सरकार द्वारा 1 जनवरी 2020 से 31 जुलाई 2021 तक का फ्रीज महंगाई भत्ते का एरियर भी अनुमन्य किया जाए। परिवार नियोजन, सीसीए सहित बंद किए गए अन्य समस्त भत्ते बहाल किए जाएं। आउट सोर्सिंग संविदा आदि पर कार्यरत कर्मचारियों की सेवा संबंधी सुरक्षा भविष्य में स्थाईकरण हेतु नीति तथा समान कार्य का समान वेतन, श्रम मंत्रालय द्वारा अनुमन्य पारिश्रमिक दिए जाने तथा समय से ईपीएफ एवं ईएसआई तथा बीमा की सुविधा अनिवार्य रूप से प्रदान की जाए।
प्रदेश के स्थानीय निकाय, विकास प्राधिकरण कर्मचारियों को राज्य कर्मचारियों की भांति सभी सुविधाएं प्रदान करते हुए वेतन ढांचा का पुनर्गठन किया जाए। लिपिक, राजस्व, कंप्यूटर चालक आदि संवर्गों का पुनर्गठन उच्चीकारण एवं केंद्रीय सेवा नियमावली, भत्ते पदनाम देते हुए सफाई व अन्य संवर्गों में कार्यरत दैनिक वेतन संविदा (31 दिसंबर 2001 तक कार्यरत कर्मचारियों) तदर्थ एवं धारा 108 अवतार आदि कर्मचारियों का समयबद्ध विनियमतीकरण किया जाए। शेष बचे राजकीय नियमों के कर्मचारियों को सातवें वेतन मान का लाभ अनुमन्य किया जाए। निगम के कर्मचारियों को महंगाई भत्तों का भुगतान राज्य कर्मचारियों की देय तारीख से स्वीकृत करते हुए गठित अधिकृत समिति समाप्त कर वर्ष 2002 से पूर्व की व्यवस्था लागू की जाए और राज्य सार्वजनिक निगमन उपक्रमों आदि को चलाने हेतु ठोस नीति बनाई जाए। इस दौरान संदीप बडोला, हेमंत चौधरी, निश्चल भटनागर सहित अनेकों शिक्षक व कर्मचारी उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / निमित कुमार जायसवाल