प्राक्कलन समिति ने अपनी 75 साल की यात्रा में 1,000 से अधिक रिपोर्ट संसद को सौंपी : ओम बिरला
मुंबई, 24 जून (हि.स.)। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मंगलवार को मुंबई में कहा कि वित्तीय अनुशासन, जवाबदेही, प्रशासन में पारदर्शिता, सटीक बजटीय पूर्वानुमान और गतिशील प्रशासन के लिए प्रभावी कार्य पद्धति का निर्णय पूर्वानुमान समिति के माध्यम से किया जाएगा।
फोटो: संसद और विभिन्न राज्यों की प्राक्कलन समितियों के दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला


मुंबई, 24 जून (हि.स.)। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मंगलवार को मुंबई में कहा कि वित्तीय अनुशासन, जवाबदेही, प्रशासन में पारदर्शिता, सटीक बजटीय पूर्वानुमान और गतिशील प्रशासन के लिए प्रभावी कार्य पद्धति का निर्णय पूर्वानुमान समिति के माध्यम से किया जाएगा।

ओम बिरला मंगलवार को पूर्वानुमान समिति के दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। ओम बिरला ने कहा कि प्राक्कलन समिति ने अपनी 75 साल की यात्रा में 1,000 से अधिक रिपोर्ट संसद को सौंपी हैं। समिति ने जलवायु परिवर्तन, हरित ऊर्जा, भारतमाला, एम्स और इलेक्ट्रिक वाहन नीति पर सरकार को महत्वपूर्ण सिफारिशें की हैं। सरकार ने संसद और राज्यों में समिति द्वारा की गई 97 प्रतिशत सिफारिशों को स्वीकार किया है। आने वाले दिनों में संसद और विधानमंडल के सदस्यों की कार्य पद्धति को और अधिक कुशल बनाने के लिए काम किया जाएगा।

बैठक में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की प्राक्कलन समितियों के 109 प्रतिनिधियों और संसद में समिति के 22 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस बैठक में बजटीय प्रावधान, निधियों का उपयोग, संसदीय कार्य में प्रौद्योगिकी का उपयोग, वित्तीय स्तर पर राज्य और केंद्र सरकारों के बीच प्रभावी समन्वय, प्राक्कलन समिति द्वारा की गई सिफारिशें आदि पर सकारात्मक चर्चा हुई। बैठक में समिति के कार्यों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित प्रौद्योगिकी का उपयोग बढ़ाने, प्रभावी डेटा विश्लेषण और समिति में सदस्यों की न्यूनतम संख्या तय करने का निर्णय लिया गया।

बैठक में 6 प्रस्ताव पारित किए गए। इनमें बजट अनुमानों पर प्रभावी नियंत्रण और पारदर्शिता को प्राथमिकता देने वाली प्रणाली, समिति में अनुभव और ज्ञान को साझा करने के लिए एक संस्थागत प्रणाली विकसित करना, समिति द्वारा की गई सिफारिशों, प्रस्तुत रिपोर्टों और की गई कार्रवाई के जनता पर पडऩे वाले प्रभाव का प्रभावी प्रचार, समिति के बजट अनुमानों और प्रशासनिक खर्चों के मूल्यांकन के लिए एक विशिष्ट अवधि, समिति के सदस्यों की दक्षता के लिए एक प्रभावी कार्य प्रणाली बनाना, राज्य और केंद्र के समन्वय में समय-समय पर प्रशिक्षण आयोजित करना आदि शामिल थे।

इस अवसर पर राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, पूर्वानुमान समिति के अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल, विधान परिषद के सभापति प्रो. राम शिंदे, विधानसभा अध्यक्ष एडवोकेट राहुल नार्वेकर, राज्य पूर्वानुमान समिति के अध्यक्ष अर्जुन खोतकर, लोकसभा सचिव उत्पल कुमार सिंह, राज्यसभा के सचिव पीसी मूडी, विधानसभा सचिव जितेंद्र भोले उपस्थित थे।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / राजबहादुर यादव