उमर के नेतृत्व वाली सरकार जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा और विशेष दर्जा बहाल करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है- उपमुख्यमंत्री
श्रीनगर, 24 जून (हि.स.)। उपमुख्यमंत्री सुरिंदर कुमार चौधरी ने मंगलवार को कहा कि उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली सरकार जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा और विशेष दर्जा बहाल करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। श्रीनगर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर
उमर के नेतृत्व वाली सरकार जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा और विशेष दर्जा बहाल करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है- उपमुख्यमंत्री


श्रीनगर, 24 जून (हि.स.)। उपमुख्यमंत्री सुरिंदर कुमार चौधरी ने मंगलवार को कहा कि उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली सरकार जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा और विशेष दर्जा बहाल करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।

श्रीनगर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए सुरिंदर चौधरी ने जम्मू-कश्मीर के लिए 10. 637 करोड़ रुपये की 19 प्रमुख सड़क और सुरंग परियोजनाओं को मंजूरी देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का आभार व्यक्त किया।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के अथक प्रयासों के बाद केंद्र ने इन परियोजनाओं को मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि हमारे कार्यकाल के 8 महीनों में मुख्यमंत्री ने कई बार दिल्ली का दौरा करके जम्मू-कश्मीर के लिए इन प्रमुख परियोजनाओं को मंजूरी देना संभव बनाया है। वह उन मुख्यमंत्रियों में शामिल नहीं हैं जिन्होंने पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को केंद्र शासित प्रदेश में बदलने के लिए दिल्ली का दौरा किया था। इन परियोजनाओं को मंजूरी देना मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की गंभीरता को दर्शाता है।

उन्होंने कहा कि सरकार राज्य का दर्जा और जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे की बहाली सुनिश्चित करने के लिए ईमानदारी से प्रयास कर रही है। उन्होंने भाजपा पर भी निशाना साधते हुए कहा कि उनमें से किसी ने भी हाल ही में अपने दम पर विधानसभा चुनाव नहीं जीता है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता सहित सभी भाजपा विधायकों का नार्काे टेस्ट कराया जाना चाहिए ताकि उनके बयानों की सत्यता का पता लगाया जा सके।

सीमावर्ती क्षेत्रों में बंकरों की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि मंजूरी केंद्र को देनी है। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि यह काम जल्द ही पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि जैसा कि ऑपरेशन सिंदूर में देखा गया कि जम्मू और श्रीनगर में भी इसका असर महसूस किया गया इसलिए ऐसे बंकरों की जरूरत केवल सीमावर्ती क्षेत्रों तक ही सीमित नहीं है।

हिन्दुस्थान समाचार / सुमन लता