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- रक्षा मंत्रालय ने 13 तरह की हथियार प्रणालियों के लिए अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए
नई दिल्ली, 24 जून (हि.स.)। भारतीय सेना के लिए लगभग दो हजार करोड़ रुपये की लागत से 13 तरह की हथियार प्रणालियां खरीदी जाएंगी। केंद्र सरकार ने आपातकालीन खरीद के तहत 1,981 करोड़ रुपये के 13 अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए हैं। इन उपकरणों की डिलीवरी 12 महीनों के भीतर पूरी हो जाएगी। ये हथियार विशेष रूप से सेना की आतंकवाद विरोधी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए खरीदे जाएंगे।
रक्षा मंत्रालय ने आतंकवाद के खिलाफ अभियानों में भारतीय सेना की परिचालन क्षमता को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए आपातकालीन खरीद व्यवस्था के अंतर्गत 13 अनुबंधों को अंतिम रूप दिया है। भारतीय सेना के लिए 2,000 करोड़ रुपये के कुल स्वीकृत परिव्यय में से 1,981.90 करोड़ रुपये की राशि के इन अनुबंधों को अंतिम रूप दिया गया है। आपातकालीन खरीद व्यवस्था के अंतर्गत फास्ट-ट्रैक प्रक्रियाओं के माध्यम से निष्पादित इस खरीद का उद्देश्य आतंकवाद के खिलाफ अभियानों में तैनात सैनिकों के लिए मारक क्षमता, गतिशीलता और सुरक्षा को बढ़ाना है। तेजी से क्षमता वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए इस अधिग्रहण को कम समय सीमा में पूरा किया गया।
खरीदे जाने वाले प्रमुख उपकरणों में एकीकृत ड्रोन डिटेक्शन और इंटरडिक्शन सिस्टम (आईडीडीआईएस), निम्न स्तर के हल्के वजन वाले रडार (एलएलएलआर), बहुत कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली (वीएसएचओआरएडीएस) लांचर और मिसाइल, दूर से संचालित हवाई वाहन, वर्टिकल टेक-ऑफ और लैंडिंग सिस्टम सहित लोइटरिंग म्यूनिशन, विभिन्न श्रेणियों के ड्रोन, बुलेट प्रूफ जैकेट, बैलिस्टिक हेलमेट, त्वरित प्रतिक्रिया लड़ाकू वाहन (भारी और मध्यम), राइफलों के लिए रात्रि दृष्टि शामिल हैं।
यह खरीद भारतीय सेना को उभरती सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए आधुनिक और पूरी तरह से स्वदेशी प्रणालियों से लैस करने की मंत्रालय की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह आपातकालीन खरीद व्यवस्था तत्काल क्षमता अंतराल को पाटने और महत्वपूर्ण परिचालन उपकरणों की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण है।-----------
हिन्दुस्थान समाचार / सुनीत निगम