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हल्द्वानी, 24 जून (हि.स.)। अखिल भारतीय किसान महासभा, लालकुआंं ने बिंदुखत्ता को राजस्व ग्राम घोषित करने, पशुपालकों की आजीविका पर आए संकट, गोवंश की दुर्दशा और किसानों की फसलों के नुकसान जैसे मुद्दों को लेकर बीते एक सप्ताह पूर्व आयोजित प्रदर्शन के बाद आज 24जून को समीक्षा के लिए क विशेष बैठक का आयोजन किया।
बैठक में आंदोलन की व्यापक समीक्षा करते हुए आगामी रणनीति पर चर्चा की गई।बैठक में निर्णय लिया गया कि आगामी धान की रोपाई के बाद बिंदुखत्ता क्षेत्र में सघन सदस्यता अभियान चलाया जाएगा। इसके साथ ही क्षेत्र में किसान महासभा की नियमित बैठकें आयोजित की जाएंगी, जो अगस्त माह के अंत में एक बिंदुखत्ता किसान सम्मेलन के आयोजन के साथ संपन्न होंगी। किसान महासभा के जिला सचिव चंदन राम ने कहा कि बिंदुखत्ता को राजस्व ग्राम बनाने को लेकर सरकार लगातार वादाखिलाफी कर रही है।
उन्होंने मांग की कि धामी सरकार जनता की भावना का सम्मान करते हुए तत्काल राजस्व ग्राम की अधिसूचना जारी करे, अन्यथा एक बड़े जनांदोलन के लिए तैयार रहे। वरिष्ठ नेत्री विमला रौथाण ने कहा कि आवारा गोवंश से किसान त्रस्त हैं, लेकिन सरकार इस समस्या की अनदेखी कर रही है। उन्होंने कहा कि गोवंश संरक्षण कानून के कारण पशुपालकों की आजीविका पर संकट गहराया है। किशन बघरी ने स्थानीय विधायक से सवाल किया कि यदि सभी फाइलें पूर्ण हैं, तो अब तक अधिसूचना क्यों नहीं जारी की गई।
भाकपा (माले) के जिला सचिव डॉ. कैलाश पाण्डेय ने कहा कि बिंदुखत्ता राजस्व ग्राम का मुद्दा ऐसा अनोखा मामला है जिस पर सत्ता और विपक्ष दोनों की सहमति है, दो-दो मुख्यमंत्री इसकी घोषणा कर चुके हैं, फिर भी सरकार इसे लटकाए हुए है।
बैठक में चंदन राम, विमला रौथाण, किशन बारी, गोविंद जीना, डॉ. कैलाश पाण्डेय, पुष्कर दुबड़िया, निर्मला शाही, धीरज कुमार, बिशन दत्त जोशी, वीर भद्र भंडारी, त्रिलोक दानू, ललित जोशी, अंबा दत्त बचखेती, कमल जोशी, प्रमोद कुमार, दान सिंह मेहरा, आनंद सिंह दानू, मनोज सहित कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / अनुपम गुप्ता