कार्बन क्रेडिट में भारत का दूसरा नगर निगम होगा गाजियाबाद, स्वीकृति की कार्यवाही पूर्ण
-गीले कचरे से कंपोस्टिंग तथा एलईडी लाइट के उपयोग ने लगभग 2 लाख 70 हजार कार्बन उत्सर्जन में की कमी गाजियाबाद, 24 जून (हि.स.)। नगर निगम वैश्विक मंच पर कार्बन क्रेडिट परियोजना पंजीकृत करने वाला उत्तर प्रदेश में पहला तथा भारत में दूसरा नगर निगम बना है।
नगर आयुक्त


-गीले कचरे से कंपोस्टिंग तथा एलईडी लाइट के उपयोग ने लगभग 2 लाख 70 हजार कार्बन उत्सर्जन में की कमी

गाजियाबाद, 24 जून (हि.स.)। नगर निगम वैश्विक मंच पर कार्बन क्रेडिट परियोजना पंजीकृत करने वाला उत्तर प्रदेश में पहला तथा भारत में दूसरा नगर निगम बना है। स्थायित्व और जलवायु कार्रवाई की दिशा में एक अग्रणी कदम उठाते हुए गाजियाबाद नगर निगम अपने स्थाई प्रथाओं के माध्यम से कार्बन क्रेडिट उत्पन्न करने तथा अंतर्राष्ट्रीय कार्बन बाजार में भाग लेने वाला उत्तर प्रदेश का पहला शहरी स्थानीय निकाय बन गया है, जिसके लिए महापौर सुनीता दयाल ने शहरवासियों को शुभकामनाएं दीl

नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक के नेतृत्व में नगर निगम ने पुरानी लाइटों को बदलते हुए नई एलइडी लाइट लगवाई गई तथा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के क्रम में गीले कचरे से कंपोस्टिंग की कार्यवाही को बढ़ाया गया जिसके फलस्वरुप परियोजनाओं से अनुमानित 270000 टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आने की उम्मीद है, एक टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन की कमी एक कार्बन क्रेडिट के बराबर है इन प्रमाणित कार्बन क्रेडिट को अब अंतर्राष्ट्रीय कार्बन बाजार में बिक्री के माध्यम से मुद्रीकृत किया जा सकता है जिससे पर्यावरणीय जिम्मेदारी को भी बढ़ावा मिलेगा तथा गाजियाबाद नगर निगम के लिए एक नया राजस्व स्रोत बनेगाl

नगर आयुक्त ने बताया ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और ऊर्जा दक्षता में निगम की कार्यवाही को संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन ओं क्लाइमेट चेंज द्वारा समर्थित सत्यापित मानक वीसीएस कार्यक्रम के तहत सफलतापूर्वक पंजीकृत किया गया है वीसीएस ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने और हटाने के उद्देश्य से परियोजनाओं की प्रमाण के लिए एक विशेष स्तर पर मान्यता प्राप्त कार्यक्रम है। नगर निगम ने परियोजनाओं के क्रम में दिसंबर 2023 में वेरा रजिस्ट्री में प्रस्तुत किया गया था, जून 2025 में पूर्ण सत्यापन और पंजीकरण प्राप्त किया गया है, पंजीकरण की प्रक्रिया के लिए रजिस्ट्री और उसके मान्यता प्राप्त लेखा प्रशिक्षकों द्वारा कठोर मूल्यांकन करते हुए रिपोर्ट शामिल किया गया है, यह उपलब्धि न केवल गाजियाबाद बल्कि उत्तर प्रदेश राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है यह पहला पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देगी बल्कि शहर को आर्थिक लाभ भी पहुंचाएगी, नगर आयुक्त द्वारा आगामी योजनाओं में भी कार्बन क्रेडिट को विशेष ध्यान में रखते हुए कार्य करने के निर्देश टीम को दिए गएl

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हिन्दुस्थान समाचार / फरमान अली