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नई दिल्ली, 24 जून (हि.स.)। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की और राज्य विधानमंडल द्वारा पारित प्रमुख विधेयकों पर उनकी मंजूरी मांगी।
राष्ट्रपति के आधिकारिक एक्स हैंडल पर दोनों नेताओं की इस औपचारिक भेंट की तस्वीर साझा की गई। इसके साथ ही मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी पोस्ट करते हुए लिखा, “मैंने आज दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात की और अनुमोदन के लिए लंबित विधेयकों पर चर्चा की। इस अवसर पर मैंने उन्हें मैसूर पेटा और चंदन की स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया, जो राज्य का गौरव है।”
राष्ट्रपति की स्वीकृति की प्रतीक्षा कर रहे विधेयकों में शिक्षा, खनन कराधान, सार्वजनिक खरीद पारदर्शिता और प्रशासनिक सुधार से जुड़े कई विधायी उपाय शामिल हैं। इनके लिए केंद्र सरकार की अनुमति आवश्यक मानी जाती है।
राष्ट्रपति के समक्ष प्रस्तुत प्रमुख विधेयकों में बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार (कर्नाटक संशोधन) विधेयक 2025 शामिल है। इसका उद्देश्य राज्य में मौजूदा आरटीई ढांचे को संशोधित करना है। इसके अलावा कर्नाटक (खनिज अधिकार और खनिज युक्त भूमि) कर विधेयक 2024 का उद्देश्य राज्य के खनिज संसाधनों से राजस्व बढ़ाना है, जबकि कर्नाटक सार्वजनिक खरीद में पारदर्शिता (संशोधन) अधिनियम 2025 सरकारी खरीद प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया है।
विधायी पैकेज में पंजीकरण (कर्नाटक संशोधन) विधेयक 2024 और 2025 के साथ-साथ नोटरी (कर्नाटक संशोधन) विधेयक 2025 भी शामिल है। यह दस्तावेजों के पंजीकरण की प्रक्रिया को सरल और डिजिटल बनाने पर केंद्रित है। साथ ही नोटरी सेवाओं को प्रशासनिक दृष्टिकोण से अधिक सक्षम और प्रभावी बनाने की पहल है।
इसके अलावा कर्नाटक हिंदी धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती (संशोधन) 2024 राष्ट्रपति की मंजूरी चाहने वाले विधेयकों की सूची में शामिल है। यह राज्य के धार्मिक एवं धर्मार्थ संस्थानों के प्रबंधन में सुधार की दिशा में कदम है।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार