मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक में सीएम ने उठाए राज्य से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दे
- राज्य में उच्च स्तरीय ग्लेशियर अध्ययन केंद्र, जैव विविधता संरक्षण संस्थान और अंतरराष्ट्रीय साहसिक खेल प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना के लिए भी केंद्र से सहयोग मांगा देहरादून, 24 जून (हि.स.)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को वाराणसी में केन
मध्य क्षेत्रीय बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी।


- राज्य में उच्च स्तरीय ग्लेशियर अध्ययन केंद्र, जैव विविधता संरक्षण संस्थान और अंतरराष्ट्रीय साहसिक खेल प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना के लिए भी केंद्र से सहयोग मांगा

देहरादून, 24 जून (हि.स.)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को वाराणसी में केन्द्रीय गृह एवं मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में आयोजित मध्य क्षेत्रीय परिषद की 25वीं बैठक में प्रतिभाग किया।

मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य से जुड़े अनेक महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से लगा उत्तराखण्ड राज्य सामरिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके दृष्टिगत राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़क, संचार, सुरक्षा एवं रसद आपूर्ति की समुचित सुविधाएं उपलब्ध कराना आवश्यक है। उन्होंने केन्द्रीय गृह मंत्री से आग्रह किया कि सीमा सड़क संगठन के माध्यम से उत्तराखण्ड को और अधिक सहायता प्रदान की जाए। वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य के सीमावर्ती गांवों में सुविधाओं का विकास किया जाए, जिससे वहां हो रहे पलायन को रोकने में सहायता मिल सके। उन्होंने सीमांत क्षेत्रों में संचार सुविधाओं के विकास के लिए भारत नेट योजना, 4-जी विस्तार परियोजना तथा उपग्रह आधारित संचार सेवाएं प्रारंभ करने का भी अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने बैठक में उत्तराखंड राज्य के हित में केंद्र सरकार से कुछ नीतिगत प्रावधानों में शिथिलता प्रदान करने का भी आग्रह किया। उन्होंने राज्य में प्रधानमंत्री आवास योजना के केंद्रीय अनुदान का आवंटन एकमुश्त किए जाने, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के कुशल संचालन के लिए अतिरिक्त सहयोग प्रदान करने, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के अध्ययन के लिए राज्य में एक उच्चस्तरीय ग्लेशियर अध्ययन केंद्र की स्थापना किये जाने और जैव विविधता संरक्षण संस्था की स्थापना के लिए भी केंद्र से तकनीकी सहयोग की मांग की।

मुख्यमंत्री ने राज्य में साहसिक पर्यटन की संभावनाओं को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय साहसिक खेल प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना के लिए सहयोग मांगा। उन्होंने उत्तराखण्ड में वर्ष 2026 में नंदा राजजात यात्रा और 2027 में कुम्भ मेले के सफल आयोजन के लिए केंद्र सरकार से आवश्यक सहयोग प्रदान करने का भी आग्रह किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लगभग 80 प्रतिशत पर्वतीय भू-भाग वाले उत्तराखण्ड राज्य का 71 प्रतिशत क्षेत्र वनों से आच्छादित है। राज्य की जटिल भौगोलिक परिस्थिति व विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के कारण राज्य की आर्थिक गतिविधियां सीमित हैं। इन प्रतिकूल परिस्थितियों एवं सीमित संसाधनों के बावजूद राज्य की अर्थव्यवस्था में लगभग डेढ़ गुना की वृद्धि हुई है। वर्ष 2023-24 में नीति आयोग द्वारा जारी एसडीजी रैंकिंग में उत्तराखण्ड ने प्रथम स्थान प्राप्त करने के साथ ही इस वर्ष जारी केयर एज रेटिंग रिपोर्ट में सुशासन व वित्तीय प्रबंधन में छोटे राज्यों की श्रेणी में भी उत्तराखंड को दूसरा स्थान मिला है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य क्षेत्रीय परिषद की विगत वर्षों की बैठकों में अनेकों महत्वपूर्ण नीतिगत व अंतरराज्यीय विषयों के समाधान का मार्ग प्रशस्त हुआ है। देश में सहकारिता, सुरक्षा और क्षेत्रीय समन्वय के क्षेत्र में ऐतिहासिक कार्य हो रहे हैं। प्रधानमंत्री के नेतृत्व और गृह मंत्री के प्रयासों से भारत आंतरिक रूप से कहीं अधिक सुरक्षित, संगठित और आत्मविश्वास से परिपूर्ण होकर विकसित एवं आत्मनिर्भर राष्ट्र बनने की दिशा में अग्रसर हुआ है।

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हिन्दुस्थान समाचार / Vinod Pokhriyal