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नई दिल्ली, 24 जून (हि.स.)। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि उसका काम केवल झूठ और भ्रांतियां फैलाना और हमारी सरकार की योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में बाधा डालना है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार कल्याणकारी योजनाओं में पारदर्शिता और समावेश सुनिश्चित करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रही है। आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से टेक-होम राशन वितरित करने के लिए फेशियल रिकगनिशन सिस्टम (एफआरएस) अनिवार्य करने के लिए सरकार की आलोचना करना सही नहीं है।
अन्नपूर्णा देवी ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश को जवाब देते हुए कहा कि
चेहरे की पहचान प्रणाली, बायोमेट्रिक और आधार जैसी आधुनिक तकनीकों की मदद से सरकार आज अंतिम पंक्ति के लाभार्थी तक पहुंचने में सफल हो रही है। यह कहना सरासर गलत है कि तकनीक के उपयोग से प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना के लाभार्थियों में गिरावट आई है। वर्ष 2019-20 में पहली बार के लाभार्थी की संख्या 72.05 लाख हो गई है।
2024-25 में बढ़कर यह संख्या 80.48 लाख (अब तक की सर्वाधिक संख्या) हो गई है। 2025-26 की पहली तिमाही में लाभार्थियों की संख्या 27 लाख से अधिक हो गई है। पीएम-किसान से 10 करोड़ किसानों को हर महीने आधार से प्रमाणित सीधा लाभ खाते में जा रहा है व राशन का लाभ मिल रहा है।
ये कांग्रेस का कार्यकाल नहीं है जहां एक रुपये देते थे तो लाभार्थी तक 15 पैसा पहुंचता था। ये मोदी सरकार है- यहां 100 रुपया देते हैं तो लाभार्थी तक 100 रुपया ही पहुंचता है।
उल्लेखनीय है कि जयराम रमेश ने केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के एक परिपत्र को साझा करते हुए कहा था कि गर्भवती महिलाओं के सामने एक और बाधा खड़ी कर दी गई है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत मिलने वाले बुनियादी और कानूनी अधिकारों के लिए अब फेस रिकग्निशन सिस्टम अनिवार्य कर दी गई है।
उन्होंने कहा कि दुनियाभर में इस बात के सबूत हैं कि यह तकनीक त्वचा का रंग और वर्ग के आधार पर भेदभाव करती हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी