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तेहरान, 23 जून (हि.स.)। अमेरिका द्वारा ईरान पर सैन्य हमले के जवाब में ईरान की संसद ने एक कड़ा कदम उठाते हुए दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण तेल मार्गों में से एक 'होर्मुज जलडमरूमध्य' को बंद करने के पक्ष में मतदान किया है। इस कदम ने वैश्विक बाजारों में बेचैनी बढ़ा दी है और कच्चे तेल की कीमतों में तेज उछाल की आशंका गहरा गई है।
हालांकि यह मतदान बाध्यकारी नहीं है क्योंकि अंतिम निर्णय ईरान की सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल द्वारा लिया जाएगा। लेकिन यह संकेत अवश्य देता है कि तेहरान अब अपने जवाबी कदमों में नरमी नहीं बरतने वाला।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिका और इजराइल द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमलों के बाद पैदा हुआ तनाव अब वैश्विक ऊर्जा सुरक्षा को सीधे चुनौती दे रहा है। उस पर ईरानी सासंद के फैसले ने कच्चे तेल की कीमतों में 5 डॉलर तक की तत्काल वृद्धि की संभावना बढ़ा दी है। ऐसे में अगर यह समुद्री मार्ग बंद होता है, तो तेल कीमतों में बेतहाशा वृद्धि से दुनियाभर में महंगाई और आर्थिक अस्थिरता फैल सकती है। यह हालात वैश्विक मंदी की ओर ले जा सकते हैं।
बतादें कि ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमत पहले ही शुक्रवार तक 77 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच चुकी थी, जो कि जून के मध्य से अब तक 10% की वृद्धि को दर्शाता है। जानकारों का कहना है कि रविवार देर रात (यूके समयानुसार) जब वैश्विक बाजार खुलेंगे, तब इसमें और उछाल आ सकता है।
तेल के लिए जीवनरेखा है होर्मुज जलडमरूमध्य
होर्मुज जलडमरूमध्य फारस की खाड़ी से बाहर निकलने वाला प्रमुख मार्ग है, जहां से दुनिया की कुल तेल खपत का लगभग 20 फीसदी हिस्सा होकर गुजरता है। इस जलमार्ग की संभावित बंदी से न केवल कच्चे तेल की कीमतों में तेज वृद्धि होगी, बल्कि वैश्विक आपूर्ति शृंखला पर भी गंभीर असर पड़ सकता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय