छन्नी कमला में बलिदान दिवस पर डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को भावभीनी श्रद्धांजलि
जम्मू, 23 जून (हि.स.)। छन्नी कमला के सामुदायिक केन्द्र में भारतीय जनता पार्टी के दर्जनों कार्यकर्ता एकत्र हुए और बलिदान दिवस के अवसर पर जनसंघ संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को नमन किया। सभा की अध्यक्षता वरिष्ठ कार्यकर्ता आर. एल.कैथ ने की जबकि हंस
छन्नी कमला में बलिदान दिवस पर डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को भावभीनी श्रद्धांजलि


जम्मू, 23 जून (हि.स.)। छन्नी कमला के सामुदायिक केन्द्र में भारतीय जनता पार्टी के दर्जनों कार्यकर्ता एकत्र हुए और बलिदान दिवस के अवसर पर जनसंघ संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को नमन किया। सभा की अध्यक्षता वरिष्ठ कार्यकर्ता आर. एल.कैथ ने की जबकि हंस राज लोरिया, बी. आर.डोगरा, देस राज कैथ और रमेश चंद चंजोत्रा समेत कई गणमान्य उपस्थित रहे। उपस्थित लोगों ने पुष्पांजलि अर्पित कर दो मिनट का मौन रखा और मुखर्जी के आदर्शों को अपनाने का संकल्प लिया।

सत्कार भाषण में वक्ताओं ने कहा कि 6 जुलाई 1901 को कलकत्ता में जन्मे डॉ. मुखर्जी ने संविधान सभा के सदस्य के रूप में एकात्म भारत की आवाज बुलंद की। उन्होंने कश्मीर में एक देश, एक विधान का उद्घोष करते हुए अनुच्छेद 370 के विरुद्ध सत्याग्रह प्रारंभ किया और अंततः 23 जून 1953 को जम्मू-कश्मीर की जेल में रहस्यमय परिस्थितियों में निधन हो गया। उनके बलिदान से एकता के सिद्धांत ने भारतीय राजनीति को दिशा दी जिसे भाजपा आज भी अपना पथप्रदर्शक मानती है।

बी. आर. डोगरा ने कहा कि डॉ. मुखर्जी ने जिस अखंड राष्ट्र की परिकल्पना की, उसी दृढ़ प्रतिबद्धता से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज देश आगे बढ़ रहा है। हंस राज लोरिया ने युवाओं को मुखर्जी के जीवन से प्रेरणा लेते हुए राष्ट्रसेवा में आगे आने का आह्वान किया। कार्यक्रम के अंत में देशभक्ति गीतों के साथ तिरंगा लहराया गया और सभी ने जय भारत, वंदे मातरम् के नारों के बीच संकल्प लिया कि वे सामाजिक सद्भाव, राष्ट्र एकता और विकास के लिए कार्य करते रहेंगे।

हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा