दाे महीने पहले निर्मित करोड़ों की कीमत से बना नाला मामूली बरसात में धराशाई
बिजनौर, 23 जून (हि.स.)। बरसात की हल्की बारिश ने नवनिर्मित नाले की पोल खोल दी है। एक करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किरतपुर नगर पालिका से निर्माण हुआ लगभग सात सौ मीटर नाला पहली बारिश में धड़ाम हो गया है। नवनिर्मित नाले में अभी तो बरसात का पानी भी नहीं छ
धाराशाही नाला


बिजनौर, 23 जून (हि.स.)। बरसात की हल्की बारिश ने नवनिर्मित नाले की पोल खोल दी है। एक करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किरतपुर नगर पालिका से निर्माण हुआ लगभग सात सौ मीटर नाला पहली बारिश में धड़ाम हो गया है। नवनिर्मित नाले में अभी तो बरसात का पानी भी नहीं छोड़ा गया है।

किरतपुर के मौहल्ला अफगानान में आबादी के पानी की निकासी के लिये नगर पालिका परिषद द्वारा सात सौ मीटर का नाला निर्माण किया गया है। नाला तैयार हुए अभी मात्र तीन महीने ही बीते हैं बरसात की पहली बारिश से निर्मित नाला जगह जगह से ढह गया, जिससे विभाग और ठेकेदार के भ्रष्टाचार की पोल खुल गई। नगर पालिका द्वारा किरतपुर में सात सौ मीटर लम्बा नाला बिजनौर की किसी प्राईवेट कम्पनी द्वारा निर्मित किया गया है। नाला निर्माण की लागत लगभग एक करोड़ रुपये बताई जा रही है। आरोप है कि ठेकेदार द्वारा नाला निर्माण में घटिया सामग्री का प्रयोग किया गया है। निर्माण में मालन नदी के रेत का प्रयोग किया गया है। घटिया सामग्री लगाने के कारण ही नाला धड़ाम हो गया। फलस्वरूप सरकार का एक करोड़ रुपया पानी में बह गया ।

मालूम हो कि नाले का निर्माण शहर पानी की निकासी के लिये किया गया था। किरतपुर के मौहल्ला चमारान, मौहल्ला अफगानान और माेहल्ला अहमद व खेल के लोगों की सहुलियत के लिये नाले का निर्माण किया था। इन माेहल्लों में राईन बिरादरी अधिकतर निवास करती है और ये लोग खेतीबाड़ी का काम करते हैं, राईन बिरादरी की नाले की मांग बरसों पुरानी थी। इस मांग को नगर पालिका परिषद किरतपुर ने नाला निर्माण कराकर पूरा करने का प्रयास किया। नाला निर्माण के संबंध में माेहल्ला अफगानान के सभासद पति इस्लाम राईन ने बताया कि पिछले महीने मई के अंत में जब मामूली बारिश हुई तब भी नाले का कुछ भाग टूटकर गिर गया था। सभासद पति का कहना है कि उन्होंने नगर पालिका ई़ओ को मौखिक अवगत कराया था, मगर ईओ ने हमारी कोई सुनवाई नहीं की। इधर सभासद पति नफीस राईन ने भी बताया कि नाले में घटिया सामग्री की शिकायत नगर पालिका से की गई थी मगर ईओ ने कोई ध्यान नहीं दिया। उन्होंने बताया कि पिछले महीने की हल्की बूंदाबांदी में भी नाला गिर गया था। वहीं मौहल्लेवासी नसीम ,राईन, आबिद आदि का कहना है कि नगर पालिका और ठेकेदार की मिली भगत के चलते ही नाला दो बार गिरा है।

वहीं, अधिशासी अधिकारी मेघा गुप्ता का कहना है क़ी नाला के गिरने की जानकारी उनकाे नहीं है |

हिन्दुस्थान समाचार / नरेन्द्र