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नई दिल्ली, 21 जून (हि.स.)। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर राष्ट्रव्यापी भव्य समारोह में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के तत्वावधान में 81 विरासत स्थलों पर शनिवार को योग सत्र आयोजित किए गए। इस अवसर पर योग और विरासत का अनूठा संगम देखने को मिला। इस समारोह के एक भाग के रूप में कई केन्द्रीय मंत्रियों ने एएसआई संरक्षित स्मारकों पर योग सत्र में भाग लिया। यह राष्ट्रीय आंदोलन के रूप में योग के महत्व को दर्शाता है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम से 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम का नेतृत्व किया। उन्होंने योग की समावेशी प्रकृति पर जोर देते हुए कहा कि योग सभी के लिए है, यह सीमाओं, पृष्ठभूमि, उम्र या क्षमता से परे है। उन्होंने कहा कि इस योग दिवस को मानवता के लिए योग 2.0 की शुरुआत के रूप में मनाएं, जहां आंतरिक शांति वैश्विक नीति हो।
'एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग' विषय पर आधारित योग दिवस भारत के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाता है। इससे वैश्विक स्तर पर समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है।
गुजरात में अडालज की वाव से लेकर कोणार्क के सूर्य मंदिर तक इन वास्तुकला के आश्चर्यों पर हर उम्र के लोगों ने सामूहिक योगाभ्यास किया। संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजस्थान के जोधपुर में मेहरानगढ़ किले में योग किया।
आवासन और शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल ने दिल्ली में जंतर-मंतर पर योग किया। प्रह्लाद जोशी ने पट्टाडकल स्मारक समूह में योग किया तथा देशभर में विभिन्न स्थानों पर अन्य प्रमुख गणमान्य व्यक्तियों ने योग किया। उनकी भागीदारी ने एकता और सांस्कृतिक गौरव का एक शक्तिशाली संदेश दिया। इसने देश भर के नागरिकों को योग को जीवन शैली के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित किया।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी