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हल्द्वानी, 21 जून (हि.स.)। ट्रैफिक पुलिस के जवानों का शरीर लगातार आठ से दस घंटे खड़े रहकर ड्यूटी कर रहे दुखने लगा है। इसके चलते इन्हें कूल्हे, घुटने से जुड़ी अनेक तरह की समस्याएं होने लगी हैं। वहीं महिला जवानों को पीठ और नसों में परेशानी हो रही है। जिसके कारण कई जवान अस्पताल में डॉक्टर से परामर्श लेकर उपचार करा रहे हैं और दर्द निवारक दवाएं लेकर ड्यूटी कर रहे हैं।
हल्द्वानी के एक यातायात कर्मी ने नाम न लिखने की शर्त पर बताया कि उनके पैरों में दर्द रहता है। पीठ दर्द का भी उपचार कराया है। वहीं हल्द्वानी में ड्यूटी में तैनात एक महिला जवान ने बताया कि, उन्हें लगातार 8 से 10 घंटे तक ड्यूटी करनी पड़ती है। इस वजह से पीठ की नर्से, पैर के तले और
घुटनों में दर्द बढ़ने लगा है। इसके कारण उन्होंने जूते पहनना तक छोड़ दिया है। ऐसे में वह रोज दवा खाकर दिनभर ट्रैफिक ड्यूटी कर रही हैं जबकि एक अन्य जवान के अनुसार समय पर भोजन नहीं करने और नींद कम आने के कारण उन्हें चिडचिड़ापन हो रहा है।
अपनी इन समस्याओं के चलते ट्रैफिक पुलिस के जवानों को अपनी ड्यूटी के दौरान होने वाले दर्द से छुटकारा पाने के लिए हर हफ्ते अस्पताल जाकर इलाज कराना पड़ रहा है। हल्द्वानी में इन ट्रैफिक जवानों की ड्यूटी मुखानी चौराहा, कोतवाली तिराहा, नरीमन, मंडी, कालाढूंगी चौराहा, सिंधी चौक आदि स्थानों पर लगती है। इसके साथ ही चौराहों या व्यस्ततम इलाकों में लगातार हॉर्न बजने से ट्रैफिक पुलिस कर्मी ध्वनि प्रदूषण का भी शिकार हो रहे हैं। जिससे मानसिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। शारीरिक थकान के साथ ही ट्रैफिक पुलिसवालों को उच्च रक्तचाप, तनाव और सुनने में दिक्कत जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
वहीं जानकारों के अनुसार प्लांटर फैसिटिस के कारण एड़ी का दर्द और मेटाटार्सेलजिया से पंजों व घुटनों का दर्द शुरू होता है। यह लंबे समय तक खड़े रहने के कारण होता है। बैक पेन की दिक्कत भी आती है। इसके अलावा लंबे समय तक खड़े रहने से कूल्हे के साथ घुटनों और पैर के तलों का दर्द बढ़ने लगता है। इसके अलावा गर्मी के सीजन में ट्रैफिक ड्यूटी से सिर दर्द अधिक बढ़ जाता है। इसके लिए इन्हेंं आराम की जरूरत होती है। इस संबंध में आईजी कुमाऊं रिद्धिम अग्रवाल का कहना है कि ऐसी कोई समस्या लेकर मेरे पास नहीं आया है। फिर भी इसे चेक कराया जाएगा। समय-समय पर जवानों का स्ट्रेस दूर करने के लिए शिविर या कार्यशाला आयोजित की जाती है।
हिन्दुस्थान समाचार / DEEPESH TIWARI