आईआईटी कानपुर भारतीय सेना की पश्चिमी कमान के साथ मिलकर स्वदेशी नवाचार के लिए करेगा कार्य : प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल
कानपुर, 21 जून (हि.स.)। यह समझौता ज्ञापन शैक्षणिक अनुसंधान और वास्तविक रक्षा आवश्यकताओं के बीच की दूरी को मिटाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है। भारतीय सेना की पश्चिमी कमान के साथ मिलकर कार्य करते हुए हम ऐसी स्वदेशी तकनीकों और समाधान विकसित करने
कार्यक्रम के दौरान ली गयी फोटो


कानपुर, 21 जून (हि.स.)। यह समझौता ज्ञापन शैक्षणिक अनुसंधान और वास्तविक रक्षा आवश्यकताओं के बीच की दूरी को मिटाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है। भारतीय सेना की पश्चिमी कमान के साथ मिलकर कार्य करते हुए हम ऐसी स्वदेशी तकनीकों और समाधान विकसित करने का प्रयास करेंगे, जो रक्षा की रणनीतिक आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकें। यह हमारे छात्रों और शिक्षकों के लिए भी एक अनूठा अवसर है कि वे अर्थपूर्ण और व्यावहारिक अनुसंधान में भागीदारी कर सकें। यह बातें शनिवार को आईआईटी कानपुर निदेशक प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ने कही।

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी कानपुर) और हेडक्वार्टर्स वेस्टर्न कमांड, चंडीमंदिर के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस समझौते का मकसद अनुसंधान एवं विकास, नवाचार और विभिन्न साझा क्षेत्रों में स्वदेशीकरण को बढ़ावा देना है। समझौता ज्ञापन पर आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल और पश्चिमी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार, पीवीएसएम, एवीएसएम ने औपचारिक रूप से हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर आईआईटी कानपुर के अनुसंधान एवं विकास के एक्टिंग डीन, प्रो. कुमार वैभव श्रीवास्तव भी उपस्थित रहे। यह समझौता शैक्षणिक और सैन्य सहयोग को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

इस साझेदारी का उद्देश्य अभियांत्रिकी, भौतिक विज्ञान, जैव-चिकित्सा विज्ञान, प्रबंधन और सामाजिक विज्ञान जैसे क्षेत्रों में साझा रिसर्च को बढ़ावा देना है। समझौता ज्ञापन के तहत पश्चिमी कमान के अंतर्गत आने वाले सैन्य अधिकारियों को शैक्षणिक अवसर प्रदान करना और आईआईटी कानपुर के शिक्षकों एवं छात्रों को सशस्त्र बलों द्वारा सामना की जाने वाली वास्तविक चुनौतियों से जुड़ने का अवसर उपलब्ध कराना भी शामिल है। यह सहयोग ज्ञान के आदान-प्रदान, संयुक्त परियोजनाओं, इंटर्नशिप, प्रशिक्षण और राष्ट्रीय सुरक्षा व विकास की आवश्यकताओं के अनुरूप तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देने में सहायक होगा।

इस दौरे का एक प्रमुख आकर्षण एसआईआइसी आईआईटी कानपुर में इनक्यूबेटेड स्टार्टअप्स द्वारा विकसित उन्नत रक्षा तकनीकों का लाइव प्रदर्शन था। टेराक्वा यूएवी सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, मराल एयरोस्पेस, ड्रीमएयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड, और एक्सटे़रा रोबोटिक्स प्राइवेट लिमिटेड जैसे स्टार्टअप्स द्वारा विकसित समाधानों ने यूएवी तकनीक, फील्ड-रेडी रोबोटिक्स और रियल-टाइम निगरानी प्रणालियों में अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन किया, जो विशेष रूप से रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा अनुप्रयोगों के लिए तैयार किए गए हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / रोहित कश्यप