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कोलकाता ,20 जून (हि.स.)। लंदन स्थित ऑक्सफोर्ड के केलॉग कॉलेज में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भाषण के दौरान प्रवासी भारतीयों के कुछ लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया था। उन प्रदर्शनकारियों में एक थे डॉक्टर रजतशुभ्र बनर्जी। 'एनेस्थेटिस्ट' रजतशुभ्र को अब राज्य मेडिकल काउंसिल ने नोटिस भेजा है।
डॉक्टर के खिलाफ आरोप क्या है? राज्य मेडिकल काउंसिल के दस्तावेजों के अनुसार, रजतशुभ्र केवल एमबीबीएस हैं लेकिन वह इंग्लैंड में एनेस्थेटिस्ट (बेहोशी विशेषज्ञ) के रूप में काम कर रहे हैं, जबकि इस अतिरिक्त योग्यता का कोई रिकॉर्ड मेडिकल काउंसिल में दर्ज नहीं है। इसी आरोप के आधार पर राज्य मेडिकल काउंसिल ने उन्हें नोटिस भेजा है।
राज्य मेडिकल काउंसिल के असिस्टेंट रजिस्ट्रार देवाशीष रॉय ने कहा किहमें शिकायत मिली है कि वह विदेश में एनेस्थेटिस्ट के तौर पर प्रैक्टिस कर रहे हैं। जबकि मेडिकल काउंसिल में उनका पंजीकरण केवल एमबीबीएस के रूप में है। यह इंडियन मेडिकल काउंसिल (आईएमसी) एक्ट की धारा छब्बीस और अट्ठाईस का उल्लंघन है। अगर किसी के पास अतिरिक्त योग्यता हो, तो उसे धारा छब्बीस के तहत दर्ज कराना होता है। वहीं, प्रैक्टिस के स्थान में बदलाव होने पर उसे धारा अट्ठाईस के तहत सूचित करना जरूरी होता है।
हालांकि, मेडिकल काउंसिल द्वारा भेजे गए नोटिस को डॉक्टर रजतशुभ्र बनर्जी ने गंभीरता से नहीं लिया है। उनका कहना है कि मुझे कई बार नोटिस भेजा गया है। विरोध जताने के बाद से ही मुझे निशाना बनाया जा रहा है। मैंने सारे नोटिस फाड़कर फेंक दिए हैं।
मार्च महीने में ऑक्सफोर्ड के निमंत्रण पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इंग्लैंड गई थीं। वहां केलॉग कॉलेज में भाषण देने के दौरान कुछ दर्शकों ने विरोधात्मक पोस्टर दिखाकर प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री ने स्थिति को शांति से संभाला, लेकिन घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
आरोप है कि ऑक्सफोर्ड के उस प्रदर्शन में रजतशुभ्र प्रमुख चेहरा थे। उन्होंने आर.जी. कर आंदोलन को लेकर प्लेकार्ड उठाकर नारेबाजी की थी। अब उसी रजतशुभ्र को राज्य मेडिकल काउंसिल ने नोटिस भेजा है।
हिन्दुस्थान समाचार / अनिता राय