पांवटा साहिब के ऐतिहासिक देई जी साहिबा राम मंदिर में सुविधाओं का अभाव, श्रद्धालुओं और संतों को हो रही परेशानी
पांवटा साहिब के ऐतिहासिक देई जी साहिबा राम मंदिर में सुविधाओं का अभाव, श्रद्धालुओं और संतों को हो रही परेशानी


नाहन, 02 जून (हि.स.)। पांवटा साहिब, उत्तराखंड और हिमाचल की सीमाओं पर स्थित ऐतिहासिक देई जी साहिबा राम मंदिर आज बुनियादी सुविधाओं के अभाव के कारण श्रद्धालुओं और साधु-संतों के लिए परेशानी का कारण बन गया है। इसी मुद्दे को लेकर क्षेत्रवासियों का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को तहसीलदार से मिला और मंदिर परिसर में आवश्यक सुविधाओं को लेकर एक मांग पत्र सौंपा।

प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि यह मंदिर लगभग 1800 ईस्वी में एक राजा द्वारा अपनी बहन की श्रद्धा में बनवाया गया था। यह मंदिर धार्मिक आस्था का प्रमुख केंद्र होने के साथ-साथ हिमाचल की सांस्कृतिक विरासत का भी महत्वपूर्ण हिस्सा है। बताया गया कि यह मंदिर पांवटा साहिब के प्रसिद्ध गुरुद्वारे से भी पहले अस्तित्व में आया था, लेकिन आज इसकी स्थिति अत्यंत जर्जर हो चुकी है।

प्रतिनिधियों ने बताया कि शौचालय और ठहरने की सुविधा न होने के कारण श्रद्धालुओं और साधु-संतों को काफी असुविधा होती है। विशेषकर ऋषिकेश की ओर जाने वाले साधुओं के लिए यहां कोई विश्राम व्यवस्था नहीं है। उन्होंने मांग की कि मंदिर परिसर में सार्वजनिक शौचालय का निर्माण करवाया जाए और एक विश्राम भवन भी स्थापित किया जाए।

इस संबंध में तहसीलदार ने बताया कि शौचालय निर्माण के लिए एस्टीमेट तैयार किया जा रहा है जबकि विश्राम भवन के निर्माण पर आगामी बैठक में निर्णय लिया जाएगा।

उत्तर प्रदेश के एक प्रमुख अखाड़े से आए एक संत महाराज ने भी मंदिर की दुर्दशा पर चिंता व्यक्त करते हुए बताया कि हाल ही में आयोजित भागवत कथा के दौरान श्रद्धालुओं को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। उन्होंने प्रशासन से अपील की कि इस ऐतिहासिक धरोहर की शीघ्र सुध ली जाए ताकि भविष्य में यहां आने वाले श्रद्धालुओं को उचित सुविधा और संतोष मिल सके।

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हिन्दुस्थान समाचार / जितेंद्र ठाकुर