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नई दिल्ली, 2 जून (हि.स.)। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने नकली पाठ्य पुस्तकों के निर्माण, वितरण और बिक्री में शामिल अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। पिछले 14 महीनों में, एनसीईआरटी ने संबंधित पुलिस अधिकारियों के साथ मिलकर 5 लाख से अधिक नकली पाठ्य पुस्तकें, बड़ी मात्रा में मुद्रण कागज और 20 करोड़ रुपये से अधिक की मशीनरी जब्त की है, जबकि 29 एफआईआर दर्ज की गई हैं।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान जारी कर बताया कि उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ मिलकर मुजफ्फरनगर के एक गोदाम पर छापेमारी कर 1.5 लाख नकली पाठ्य पुस्तकें जब्त की गईं, जिसकी कीमत 2 करोड़ रुपये से अधिक है। एक ट्रक और दो कारें भी जब्त की गईं, जिनमें नकली पाठ्य पुस्तकें भरी हुई थीं। आठ आरोपियों को मौके पर गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा हरियाणा के समालखा में एक मुद्रण प्रेस पर छापेमारी कर बड़ी संख्या में मुद्रण प्लेटें, नकली पाठ्य पुस्तकें और मशीनरी जब्त की गईं।
एनसीईआरटी ने अपनी पाठ्यपुस्तकों की गुणवत्ता में सुधार किया है। एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकों का समय पर मुद्रण और बाजार में पर्याप्त संख्या में उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। नकली पाठ्य पुस्तकों के मुद्रकों, वितरकों और खुदरा विक्रेताओं के खिलाफ सक्रिय कार्रवाई की जा रही है।
मंत्रालय के अनुसार, काशीपुर में एक कागज मिल के खिलाफ कार्रवाई की गई, जो अवैध एनसीईआरटी वॉटरमार्केड पेपर बना रही थी। एनसीईआरटी की पाठ्य पुस्तकें अब प्रमुख ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों पर एमआरपी पर बिना डिलीवरी शुल्क के उपलब्ध हैं।
आईआईटी कानपुर द्वारा विकसित एक प्रौद्योगिकी-आधारित एंटी-पाइरेसी समाधान को एनसीईआरटी की पाठ्य पुस्तकों में पेश किया गया है।
मंत्रालय ने छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों से अनुरोध किया है कि वे नकली पाठ्य पुस्तकों की बिक्री की किसी भी घटना की जानकारी एनसीईआरटी को pd.ncert@nic.in पर दें।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार