हिमाचल में बांध सुरक्षा को लेकर उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक, मानसून से पहले तैयारियों का लिया जायजा
हिमाचल में बांध सुरक्षा को लेकर उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक, मानसून से पहले तैयारियों का लिया जायजा


शिमला, 2 जून (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश में आगामी मानसून सीजन को ध्यान में रखते हुए आज एक उच्च स्तरीय वर्चुअल बैठक का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता निदेशक एवं विशेष सचिव (राजस्व एवं आपदा प्रबंधन) डी.सी. राणा ने की। बैठक का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में स्थित बांधों की सुरक्षा व्यवस्था का मूल्यांकन करना और डैम सेफ्टी एक्ट, 2021 तथा केंद्रीय जल आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुरूप तैयारियों की समीक्षा करना था।

इस बैठक में राज्य के 23 बांध प्राधिकरणों के प्रतिनिधियों सहित ऊर्जा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए। बैठक के दौरान प्रमुख बांधों की संरचनात्मक और संचालनात्मक स्थिति पर आधारित विस्तृत रिपोर्ट पेश की गई, जिसमें बांधों की वर्तमान सुरक्षा स्थिति, तकनीकी खामियों और जरूरी सुधारों का विवरण दिया गया।

डी.सी. राणा ने इस अवसर पर मानसून के दौरान बांधों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए समयबद्ध व प्रभावी समन्वय की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि निवारक रखरखाव, आपातकालीन कार्य योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन और संभावित संकट की स्थिति में समन्वित प्रतिक्रिया प्रणाली को और मजबूत बनाना अनिवार्य है।

बैठक में डैम सेफ्टी एक्ट, 2021 के तहत जरूरी सुरक्षा उपायों की स्थिति की समीक्षा की गई, जिनमें अर्ली वार्निंग सिस्टम जैसे हूटर और वॉयस मैसेजिंग सिस्टम की स्थापना, डैम ब्रेक एनालिसिस, स्वचालित मौसम स्टेशन की व्यवस्था, बैराज और नियंत्रण कक्ष में आई-सैट फोन व डॉकिंग स्टेशन की उपलब्धता प्रमुख हैं। इन उपायों की कार्यशीलता पर भी चर्चा की गई ताकि किसी भी आपातकाल की स्थिति में त्वरित और प्रभावी चेतावनी दी जा सके।

सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वे मानसून के दौरान चौकसी बनाए रखें और निर्धारित सुरक्षा मानकों का पूरी कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें। इसके साथ ही संभावित संवेदनशील क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को समय पर जानकारी व चेतावनी देने के लिए सूचना तंत्र को और अधिक मजबूत करने पर भी जोर दिया गया।

डी.सी. राणा ने कहा कि प्रदेश सरकार आपदा जोखिम न्यूनीकरण, जन-धन की सुरक्षा और सतत विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने विभागों के बीच बेहतर समन्वय, रीयल-टाइम मॉनिटरिंग और संवेदनशील डाउनस्ट्रीम इलाकों तक त्वरित सूचना पहुंचाने को बेहद जरूरी बताया।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा