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धमतरी, 2 जून (हि.स.)। खेती-किसानी में जुटे किसानों को खाद की कमी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। जानकारी के अनुसार 15 हजार 749 किसानों ने खाद खरीद लिया है, लेकिन अधिकांश किसानों के लिए इन दिनों सोसायटियों में डीएपी खाद उपलब्ध नहीं है। खेती-किसानी के शुरूआती दौर से ही इस खाद की किल्लत शुरू हो गई है, इससे किसानों को डीएपी खाद के लिए भटकना पड़ रहा है।
धमतरी, कुरूद, नगरी और मगरलोड ब्लाक में संचालित सोसाइटियों में डीएपी खाद की भारी किल्लत बनी हुई है। किसान इसे खरीदने जा रहे हैं, लेकिन स्टाक में उपलब्ध नहीं है। पूरे जिले का स्टाक देखें, तो कुछ ही सोसायटियों में सिर्फ 407 टन डीएपी ही शेष है। गिनती के सोसायटियों में उपलब्ध है। ऐसे में अधिकांश किसान खरीफ खेती-किसानी शुरू होने से पहले ही डीएपी खाद की किल्लत से जूझ रहे हैं, इससे किसानों की चिंता बढ़ गई है। जबकि डीएपी खाद ही धान फसल के लिए मुख्य खाद है। जानकारी के अनुसार इस खाद के बिना रोपाई व बोता में धान के पौधों का विकास मुश्किल होता है, ऐसे में किसान खाद के लिए परेशान हो रहे हैं। बारिश शुरू होने से पहले ही किसान इस खाद को सोसायटियों से खरीदकर स्टाक में रख लेते हैं। खाद नहीं मिलने के कारण किसानों को अब सोसायटियों में डीएपी खाद आने का बेसब्री से इंतजार है।
विभागीय जानकारी के अनुसार खरीफ खेती-किसानी के लिए अपै्रल माह से अब तक जिले में कुल 14338 टन सभी प्रकार के खाद का भंडारण हुआ था, इसमें से 3101 टन डीएपी खाद का भंडारण किया गया था। 2694 टन खाद का उठाव जिले के किसानों ने कर लिया है। उठाव के बाद स्टाक में सिर्फ 407 टन डीएपी खाद शेष है। इसी तरह यूरिया 4291 टन, सुपर फास्फेट 1950 टन, पोटाश 789 टन और एनपीके 758 टन शेष है। इस तरह जिले के सोसायटियों में सभी प्रकार के खाद कुल 8195 टन शेष है, इसका उठाव चल रहा है। जिलेभर के 15749 किसान अब तक सोसायटियों से खाद का उठाव कर चुके हैं, शेष उठाव में लगे हुए है।
इस संबंध में धमतरी डीएमओ सुनील सिंह राजपूत ने कहा कि डीएपी खाद का आवक प्रदेशभर में नहीं है। ऐसे में किसान एनपीके खाद का उठाव करें, क्योंकि दोनों एक ही काम करता है।
हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा