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गुवाहाटी, 2 जून (हि.स.)।
राजभवन असम की ओर से आज यहां कॉटन यूनिवर्सिटी के केबीआर हॉल में तेलंगाना स्थापना दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। यह आयोजन भारत सरकार की प्रमुख पहल एक भारत श्रेष्ठ भारत के अंतर्गत किया गया, जिसका उद्देश्य विभिन्न राज्यों के बीच सांस्कृतिक समन्वय और राष्ट्रीय एकता को मजबूत करना है।
कार्यक्रम में राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उन्होंने तेलंगाना की स्थापना को साहस, आकांक्षा और विकास की अद्भुत यात्रा बताया। उन्होंने कहा, 2 जून 2014 से अब तक का तेलंगाना का सफर प्रेरणादायक रहा है। यह दिन केवल एक राज्य के गठन की याद नहीं, बल्कि वहां की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और जन-मानस की अडिग भावना का उत्सव भी है।
राज्यपाल ने रामप्पा मंदिर, चारमीनार और गोलकोंडा किला जैसी स्थापत्य कला से लेकर पेरिनी शिव तांडव, कोलाटम और ओग्गु कथा जैसी लोक कलाओं का उल्लेख करते हुए तेलंगाना की सांस्कृतिक विविधता की सराहना की। उन्होंने बथुकम्मा और बोनालु जैसे त्योहारों को महिला सशक्तिकरण और सामाजिक एकजुटता के प्रतीक बताया।
उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव, भारत रत्न डॉ. ज़ाकिर हुसैन और ओलंपियन पीवी सिंधु जैसे तेलंगाना की महान हस्तियों की चर्चा करते हुए कहा कि इन विभूतियों ने भारत की पहचान को आकार दिया है और आज भी पूरे देश को प्रेरित करते हैं।
राज्यपाल आचार्य ने असम और तेलंगाना के बीच संबंधों की बात करते हुए कहा कि भले ही दोनों राज्य भौगोलिक रूप से दूर हों, लेकिन सांस्कृतिक मूल्यों, आपसी सहयोग और सम्मान के भाव ने दोनों को जोड़े रखा है। उन्होंने कहा, जैसे ब्रह्मपुत्र और गोदावरी नदियां अपने-अपने क्षेत्रों को पोषण देती हैं, वैसे ही असम और तेलंगाना हमारी राष्ट्रीय एकता में विविधता के प्रतीक हैं।
उन्होंने संत रामानुजाचार्य और महापुरुष श्रीमंत शंकरदेव की शिक्षाओं की तुलना करते हुए बताया कि करुणा, समानता और सेवा जैसे उनके संदेश आज के समाज में भी प्रासंगिक हैं।
राज्यपाल ने 'अमृत काल' की ओर अग्रसर भारत में अंतर्राज्यीय सहयोग और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को एक सशक्त और एकजुट राष्ट्र निर्माण के लिए आवश्यक बताया।
इस अवसर पर तेलंगाना की पारंपरिक संगीत और नृत्य कलाओं पर आधारित रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया।
इस कार्यक्रम में अतिरिक्त मुख्य सचिव बी कल्याण चक्रवर्ती, राज्यपाल के सचिव एसएस मीनाक्षी सुंदरम्, राजभवन के ओएसडी प्रो. बेचन लाल, आईजीपी लॉजिस्टिक्स डॉ. वी शिवप्रसाद गंजाला, कॉटन यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. रमेश चंद्र डेका, तेलुगु एसोसिएशन के अध्यक्ष श्रीनिवास रेड्डी सहित कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश