निरंतर सीखने की जिज्ञासा रखने वाला ही है आदर्श शिक्षक:अनंत सिन्हा
प्रशिक्षण लेते शिक्षक


भागलपुर, 02 जून (हि.स.)। सैनिक स्कूल गणपतराय सलारपुरिया सरस्वती विद्या मंदिर नरगाकोठी चंपानगर भागलपुर में भारती शिक्षा समिति एवं शिशु शिक्षा प्रबंध समिति के तत्वावधान में चल रहे नवीन आचार्य प्रशिक्षण वर्ग के सातवें दिन सोमवार को प्रधानाचार्य अनंत कुमार सिन्हा ने कहा कि शिक्षक होने की अर्हता अपने प्राप्त कर ली है। शिक्षक भी एक छात्र होता है। आदर्श शिक्षक वही है जो निरंतर सीखने की जिज्ञासा रखता है।

अनंत सिन्हा ने कहा कि औपचारिक और अनौपचारिक रूप से दिया गया ज्ञान ही शिक्षा है। शिक्षक की पहचान सिर्फ कलम से नहीं किया जा सकता है। उनकी पर्सनैलिटी ,आवाज और माइन्ड से होती है। विद्या भारती में शिक्षक को आचार्य कहते हैं अर्थात आचरण से आचार्य पहचाने जाते हैं। आदर्श शिक्षक का काम छात्रों का सर्वांगीण विकास करना, उन्हें प्रेरित करना और उन्हें एक अच्छा नागरिक बनाने में मदद करना है।

भारती शिक्षा समिति के कार्यालय प्रमुख रामचंद्र आर्य ने कहा कि वैदिक गणित एक पुरानी तकनीक है। यह मौलिक अंकगणितीय संक्रियाओं को सरल बनता है। वैदिक गणित से छात्र अधिक रचनात्मक, रुचि रखने वाले और बुद्धिमान होते हैं।

रमेश मणि पाठक द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को विषयाचार्य एवं कक्षाचार्य का दायित्व विस्तार पूर्वक बताया गया। परिचय मुंगेर के जिला निरीक्षक सतीश कुमार सिंह द्वारा किया गया। इस अवसर पर वर्ग के प्रधानाचार्य उमाशंकर पोद्दार, वर्ग के मीडिया प्रभारी राकेश नारायण अंबष्ट, ब्रह्मदेव प्रसाद, वीरेंद्र कुमार, परमेश्वर कुमार, विद्यालय के प्रधानाचार्य अमरेश कुमार, छट्टू साह, आकाश कुमार, चंद्रशेखर कुमार, बलराम कुमार, साकेत कुमार, शशि भूषण मिश्र एवं सभी प्रशिक्षणार्थी उपस्थित थे।

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हिन्दुस्थान समाचार / बिजय शंकर