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गुवाहाटी, 2 जून (हि.स.)। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (पूसीरे) पूर्वोत्तर क्षेत्र में भारी मानसून बारिश के बीच निर्बाध और सुरक्षित ट्रेन सेवाओं को बनाए रखने के लिए व्यापक उपायों को सक्रिय रूप से लागू कर रहा है। क्षेत्र की जटिल भू-संरचना और गंभीर मौसम स्थितियों से उत्पन्न चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, पूसीरे ने यात्री सुरक्षा और बुनियादी ढांचे की मजबूती सुनिश्चित करने के लिए अपनी निगरानी और रखरखाव गतिविधियों को तेज कर दिया है।
पूसीरे के सीपीआरओ कपिंजल किशोर शर्मा ने साेमवार काे बताया कि मानसून के दौरान ट्रैक की सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए, पूसीरे ने सभी संवेदनशील स्थानों पर स्थायी पहरेदार तैनात किए हैं, विशेष रूप से लामडिंग-बदरपुर पहाड़ी खंड और त्रिपुरा के विभिन्न स्थानों जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया गया है। ट्रैक और बुनियादी ढांचे की स्थिति की निगरानी के लिए नियमित गश्त की जा रही है। पूसीरे के अपर महाप्रबंधक और मंडल रेल प्रबंधक सहित वरिष्ठ अधिकारी स्थिति की लगातार निगरानी कर रहे हैं। निकट निगरानी और नियमित निरीक्षण सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों द्वारा ट्रॉली गश्त की जा रही है। जमीनी स्तर पर सतर्कता को और मजबूत करने के लिए, वरिष्ठ अधिकारियों को संवेदनशील स्थानों की निगरानी और आवश्यकतानुसार त्वरित प्रतिक्रिया समन्वय के लिए क्षेत्र में तैनात किया गया है।
इसके अतिरिक्त, पूसीरे ने भूस्खलन, जल निकासी समस्याओं और तटबंध स्थिरता से जुड़े जोखिमों को संबोधित करने के लिए तकनीकी पहल अपनाई हैं। इनमें लामडिंग-बदरपुर पहाड़ी खंड के 80 किलोमीटर के हिस्से में ड्रोन-आधारित लिडार (लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग), हाई -रिज़ॉल्यूशन एरियल इमेजिंग और इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक सर्वेक्षण शामिल हैं। ये तकनीकें भूमिगत दोषों और जल-जमाव वाले क्षेत्रों का शीघ्र पता लगाने में सुविधा प्रदान करती हैं, जिससे संभावित खतरों को कम करने के लिए पहले से ही कार्रवाई करना संभव हो जाता है।
इसके अलावा, भारी बारिश के दौरान सुरंग सुरक्षा और संरचनात्मक निगरानी को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण बिंदुओं पर टेरेस्ट्रियल लेजर स्कैनिंग (टीएलएस) शुरू की गई है।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश