अमित शाह के नेतृत्व में विश्व की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना की समीक्षा बैठक सम्पन्न
केन्द्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह सोमवार को सहकारिता क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना की समीक्षा बैठक में


नई दिल्ली, 2 जून (हि.स.)। केन्द्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में सोमवार को नई दिल्ली स्थित सहकारिता मंत्रालय में सहकारिता क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में सहकारिता राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर एवं मुरलीधर मोहोल के अलावा सहकारिता, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय, उपभोक्ता मंत्रालय, भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई), नाबार्ड, राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) सहित अन्य संगठनों के अधिकारी उपस्थित थे।

बैठक को संबोधित करते हुए केन्द्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सहकार से समृद्धि के विज़न को साकार करने की दिशा में विश्व की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना एक बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि भारत में आर्थिक प्रगति को मापने के दो प्रमुख मापदंड हैं—सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) और रोजगार सृजन। अन्न भंडारण योजना इन दोनों पहलुओं को सशक्त बनाने का माध्यम है, जिसका उद्देश्य प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) की आमदनी बढ़ाने के साथ-साथ ग्रामीण रोजगार के अवसरों को सृजित करना है। शाह ने कृषि अवसंरचना निधि (एआईएफ) के अंतर्गत ऋण अवधि के विस्तार से पैक्स की वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता पर बल दिया।

केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने अन्न भंडारण योजना में पैक्स की व्यापक भागीदारी पर बल देते हुए कहा कि यह जरूरी है कि पैक्स को इस योजना का अभिन्न हिस्सा बनाया जाए ताकि पैक्स की वित्तीय व्यवहार्यता और सामाजिक प्रभावशीलता सुनिश्चित हो सके। उन्होंने एफसीआई, एनसीसीएफ, नाफेड और राज्य वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशनों को पैक्स को अधिक से अधिक गोदामों से जोड़ने के लिए ठोस दिशा-निर्देश दिए।

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि राज्यों को अपने स्तर पर अधिक से अधिक पैक्स को इस योजना में शामिल करना चाहिए और राज्यस्तरीय मार्केटिंग फेडरेशनों को भी इससे जोड़ा जाना चाहिए ताकि एक संपूर्ण सहकारी आपूर्ति श्रृंखला विकसित की जा सके।

केन्द्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सभी उपस्थित संगठनों से समन्वय के साथ योजना को समयबद्ध और प्रभावशाली तरीके से लागू करने का आह्वान किया ताकि यह योजना ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘सहकार से समृद्धि’ के लक्ष्य की पूर्ति में मील का पत्थर सिद्ध हो।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार