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—महामंडलेश्वर स्वामी कृपानंद जी महाराज ने योग साधना पाठ्यक्रम में दिव्यांग छात्रों को आवेदन करने की अनुमति न मिलने पर नाराजगी जताई
वाराणसी,02 जून (हि.स.)। दिव्यांग पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी कृपानंद महाराज ने दिव्यांग जनों के अधिकारों की रक्षा के लिए सोमवार को काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के मालवीय भवन में एक ज्ञापन सौंपा। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि विश्वविद्यालय प्रशासन दिव्यांग छात्रों को योग साधना पाठ्यक्रम में आवेदन करने की अनुमति नहीं देता है तो यह उनके अधिकारों का घोर उल्लंघन है।
उन्होंने कहा कि “योग न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक और आत्मिक विकास का भी माध्यम है। यदि दिव्यांग जनों को इससे वंचित किया गया, तो यह उनके साथ अन्याय है।” स्वामी कृपानंद महाराज ने योग साधना केंद्र के निदेशक (मालवीय भवन) को 24 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए चेतावनी दी कि यदि दिव्यांग जनों को उनका हक नहीं दिया गया, तो वे आमरण अनशन पर बैठेंगे। उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य किसी संस्था का विरोध करना नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि हर दिव्यांग को सम्मान और समान अवसर मिले। उधर, इस मुद्दे को लेकर अब पूरे क्षेत्र में चर्चा तेज हो गई है और सामाजिक कार्यकर्ताओं व दिव्यांग समुदाय ने भी स्वामी जी के इस कदम का समर्थन करना शुरू कर दिया है। डॉ उत्तम ओझा ने महामंडलेश्वर के घोषणा का समर्थन किया है और विश्वविद्यालय प्रशासन से अनुरोध किया कि अति शीघ्र नोटिफिकेशन वापस ले, दिव्यांगजनों के साथ समान व्यवहार होना चाहिए।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी