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धर्मशाला, 02 जून (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला के शिक्षा विभाग और इलेक्ट्रॉनिक्स और आईसीटी अकादमी, आईआईटी गुवाहाटी के सहयोग से सोमवार को “कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग” पर पांच दिवसीय संकाय विकास कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। 2 से 6 जून तक आयोजित होने वाले इस उन्नत प्रशिक्षण पहल का उद्देश्य एआई और एमएल के तेजी से विकसित हो रहे डोमेन में अत्याधुनिक ज्ञान और व्यावहारिक दक्षताओं के साथ संकाय सदस्यों और शोध विद्वानों को सशक्त बनाना है।
एफडीपी के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में सीयूएचपी की रजिस्ट्रार प्रोफेसर सुमन शर्मा ने शिरकत की। इस अवसर पर सीयूएचपी के शिक्षा विभाग के प्रमुख प्रोफेसर विशाल सूद, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अनुपमा नम्ब्रू और एफडीपी समन्वयक डॉ. ललित मोहन शर्मा सहित कई प्रतिष्ठित व्यक्ति उपस्थित थे।
इस मौके पर मुख्यातिथि प्रो. सुमन शर्मा ने उद्योगों, अनुसंधान के तरीकों और शिक्षाशास्त्र को नया रूप देने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने इस पहल की समय पर और प्रासंगिक अकादमिक हस्तक्षेप के रूप में सराहना की, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के उद्देश्यों के साथ संरेखित है। कार्यक्रम के लिए कुल 105 प्रतिभागियों ने पंजीकरण कराया है, जिनमें संकाय सदस्य, शोध विद्वान और शिक्षाविदों सहित एक विविध शैक्षणिक समुदाय शामिल है। कार्यक्रम का उद्देश्य प्रतिभागियों को ऐसे उपकरण और रूपरेखाएं प्रदान करके विषय सहयोग, कौशल विकास और अनुसंधान नवाचार को प्रोत्साहित करना है जो आधुनिक शैक्षणिक और उद्योग संदर्भों में तेजी से प्रासंगिक हैं। सप्ताह भर चलने वाले कार्यक्रम में विशेषज्ञ व्याख्यान, व्यावहारिक सत्र और आईआईटी गुवाहाटी और अन्य प्रमुख संस्थानों के प्रतिष्ठित संसाधन व्यक्तियों के नेतृत्व में इंटरैक्टिव चर्चाएं शामिल हैं।
वहीं इस दौरान प्रो. विशाल सूद ने कहा कि यह एफडीपी चौथी औद्योगिक क्रांति की चुनौतियों और अवसरों का सामना करने के लिए तैयार डिजिटल रूप से सक्षम शिक्षकों और शोधकर्ताओं को तैयार करने की दिशा में एक कदम आगे है।
हिन्दुस्थान समाचार / सतिंदर धलारिया