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जम्मू, 2 जून (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर कांट्रैक्टर्स कोऑर्डिनेशन कमेटी के एक प्रतिनिधिमंडल ने चेयरमैन ग़ुलाम जीलानी पुरज़ा की अगुवाई में मुख्यमंत्री के सलाहकार नसीर असलम वानी से मुलाकात की और ठेकेदारों की वर्षों से लंबित समस्याओं को लेकर एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा। बैठक के बाद चेयरमैन जीलानी पुरज़ा ने बताया कि सितंबर 2014 की भीषण बाढ़ के दौरान कश्मीर डिवीजन के ठेकेदारों ने बिना किसी दस्तावेजी औपचारिकता के आपात स्थिति में कार्य किया, लेकिन आज तक सैकड़ों ठेकेदारों को भुगतान नहीं मिला है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने बिल जमा करने के 48 घंटे के भीतर भुगतान करने का वादा किया था, लेकिन बिल अभी भी खजानों में बिना कारण अटके हुए हैं, जिससे ठेकेदारों को वित्तीय संकट झेलना पड़ रहा है। कच्चे माल की अनुपलब्धता और खनन विभाग द्वारा वैध सामग्रियों की ढुलाई करने वाले वाहनों की बार-बार जब्ती पर भी चिंता व्यक्त की गई। उनके अनुसार इससे विकास कार्यों में अनावश्यक देरी हो रही है। कमिटी ने शहर की 18 फुट चौड़ी सड़कों को श्रीनगर नगर निगम को सौंपे जाने का भी विरोध किया। उन्होंने कहा कि एसएमसी के पास न तो पर्याप्त संसाधन हैं और न ही आवश्यक ढांचा।
इसके अलावा, लोक निर्माण विभाग की हालिया पुनर्गठन नीति को अव्यवस्थित बताते हुए पुरज़ा ने कहा कि एक मुख्य अभियंता को तीन जिलों की जिम्मेदारी देना अव्यावहारिक है। उन्होंने पुराने सिस्टम को बहाल करने की मांग की। पुरज़ा ने उम्मीद जताई कि सरकार जल्द कार्रवाई करेगी और ठेकेदार समुदाय को राहत प्रदान करेगी। उन्होंने सलाहकार वानी का धैर्यपूर्वक सुनने के लिए आभार जताया।
हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा