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रांची, 02 जून (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य की हेमंत सोरेन सरकार और प्रशासनिक तंत्र पर गंभीर आरोप लगाए हैं। गिरिडीह में सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस के दौरान मरांडी ने कहा कि हेमंत सरकार मेरे और मेरे परिवार,मेरे करीबियों पर हमला करने के लिए अपराधियों को सुपारी दे रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे इस प्रदेश में केवल नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में नहीं, बल्कि उन लाखों झारखंडवासियों की आवाज़ बनकर उपस्थित हैं, जो भ्रष्टाचार, दमन और भय की राजनीति से पीड़ित हैं।
मरांडी ने कहा कि उन्हें कुछ विश्वसनीय स्रोतों से जानकारी मिली है कि झारखंड सरकार के शीर्ष नेतृत्व से जुड़े कुछ अत्यधिक भ्रष्ट और आपराधिक प्रवृत्ति के अधिकारी उनके, उनके परिवार और उनके निकट के लोगों के खिलाफ षड्यंत्र रचने में लगे हुए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इन अधिकारियों को सरकारी संरक्षण प्राप्त है और वे उन्हें डराने-धमकाने के लिए संगठित योजनाओं का सहारा ले रहे हैं, जिनमें हमले की साजिश से लेकर, झूठे मुकदमे, चरित्र हनन और फर्ज़ी स्टिंग ऑपरेशन तक की तैयारी शामिल है।
उन्होंने कहा कि सरकार उनके खिलाफ इसलिए सक्रिय हो गई है, क्योंकि उन्होंने अनेक घोटालों और भ्रष्टाचार के मामलों को सार्वजनिक रूप से उजागर किया है। इनमें छत्तीसगढ़-झारखंड शराब घोटाला, बालू, पत्थर, ज़मीन और कोयले के अवैध खनन एवं तस्करी से जुड़े रैकेट के अलावा जेएसएससी और जेपीएससी जैसी परीक्षाओं में व्यापक अनियमितताएं और ग्रामीण योजनाओं के नाम पर हो रही वित्तीय लूट शामिल हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जब उन्होंने इन मुद्दों को जनहित में प्रमुखता से उठाया, तो सत्ता में बैठे कुछ लोगों को उनकी सक्रियता असहज करने लगी। उन्होंने कहा कि यह कोई पहली बार नहीं है, जब उन्हें चुप कराने की कोशिश की जा रही है। पूर्व में शिकारपाड़ा क्षेत्र में उनके खिलाफ उग्रवादियों से जानलेवा हमला कराने की साजिश की सूचना उन्हें मिली थी। उस समय की खुफ़िया जानकारी को गंभीरता से लेते हुए केंद्र सरकार ने उनकी सुरक्षा की ज़िम्मेदारी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) को सौंपी थी। अब एक बार फिर झूठे मुकदमों और बदनाम करने की योजनाओं के ज़रिए उन्हें चुप कराने का प्रयास किया जा रहा है।
मरांडी ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके कुछ करीबी अधिकारियों को लगता है कि धमकियों, स्टिंग ऑपरेशन या फर्जी मुकदमों के ज़रिए उन्हें डराया जा सकता है, तो वे भारी भूल कर रहे हैं। उन्होंने दोहराया कि वे कम बोलने वाले व्यक्ति हैं, लेकिन डरने वालों में से नहीं हैं। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि जब उग्रवादियों के हाथों उन्होंने अपने जवान पुत्र को खोया था, तब भी वे न झुके थे, न रुके थे। ऐसे में इन कायराना और नीच साज़िशों से उन्हें डिगाना असंभव है।
उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा कि यह समय है कि राज्य की जागरूक जनता और मीडिया इन षड्यंत्रों को पहचाने और लोकतंत्र की रक्षा में सक्रिय भूमिका निभाए। उनके अनुसार, विपक्ष की आवाज़ को दबाने का प्रयास लोकतंत्र के मूलभूत मूल्यों का घोर अपमान है और यह लड़ाई अब केवल उनकी नहीं, बल्कि झारखंड के हर नागरिक की लड़ाई है।
उन्होंने यह स्पष्ट किया कि झारखंड को अब डराने और दबाने की राजनीति नहीं, बल्कि पारदर्शिता और जवाबदेही की आवश्यकता है। अंत में उन्होंने यह संकल्प दोहराया कि जबतक इस राज्य में एक भी न्यायप्रिय आवाज़ जीवित है, तबतक वे कभी झुकेंगे नहीं।
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हिन्दुस्थान समाचार / विकाश कुमार पांडे